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Published 21:34 IST, December 3rd 2024

South Korea Emergency: भयंकर बवाल, मीडिया पर सेंसर, असेंबली के रास्ते ब्लॉक... क्यों बिगड़े हालात?

South Korea Emergency: साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक येओल ने मार्शल लॉ का ऐलान कर दिया है। विपक्ष के नियंत्रण से बचाने के लिए असेंबली को ब्लॉक किया जा रहा।

Reported by: Kanak Kumari
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South Korea Emergency : दक्षिणी कोरिया में इस वक्त बवाल मचा हुआ है। दरअसल, राष्ट्रपति यून सुक येओल ने साउथ कोरिया में मार्शल लॉ का ऐलान दिया है। मार्शल लॉ के कारण वहां की मीडिया को भी सरकार ने अपने कंट्रोल में ले लिया है। इमरजेंसी लगने के बाद दक्षिण कोरिया से कई तस्वीरें सामने आई है। लोग संसद भवन का घेराव करने के लिए पहुंचे रहे हैं, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ घोषित करने के बाद सैनिक भी दक्षिण कोरिया की संसद पहुंच गए हैं और लोगों को रोक रहे हैं। राष्ट्रपति येओल ने टीवी पर ब्रीफिंग के दौरान इमरजेंसी का ऐलान किया। मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए उनके पास इस तरह के उपाय का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

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दक्षिणी कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि विपक्षी दलों ने देश को संकट में डालने के लिए संसदीय प्रक्रिया को बंधक बना लिया है। बता दें, 2022 में यून सुक येओल ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के रुप में पद ग्रहण किया था और तब से ही उन्हें अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। इसकी वजह संसद पर विपक्ष का नियंत्रण है।

संसद को सुरक्षित रखने के लिए भारी संख्या में फोर्स की तैनाती

जो वीडियो सामने आई है, उसमें देखा जा सकता है कि असेंबली के बाहर भारी संख्या में फोर्स को उतारा जा रहा है। संसद की सुरक्षा और उसपर विपक्ष का नियंत्रण को हटाने के लिए, स्पेशल फोर्स की तैनाती की जा रही है। रात के अंधेरे में स्पेशल फोर्स संसद के अंदर जाते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि इमरजेंसी के ऐलान के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने कथित तौर पर अपने सांसदों की आपातकालीन बैठक बुलाई है। हालांकि, अबतक ऐसी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है कि इमरजेंसी के ऐलान के बाद किसी विपक्षी नेता को अरेस्ट किया गया है या नहीं। खैर विपक्ष ने राष्ट्रपति के इस फैसले की कड़ी निंदा की है।

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साउथ कोरिया में क्यों बिगड़े हालात?

बता दें, 300 सदस्य वाले साउथ कोरिया के संसद में विपक्षी सांसदों ने मिलकक एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे राष्ट्रपति येओल ने गलत बताते हुए कहा था कि हमारी हमारी नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गई है। य​ह विधायी तानाशाही का अड्डा बन गई है, जो न्यायिक और प्रशासनिक सिस्टम को पंगु बनाकर हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करना चाहती है।

साउथ कोरियन राष्ट्रपति ने विपक्ष की कड़ी आलोचना की थी। वहीं आज इमरजेंसी के ऐलान के साथ ही उन्होंने कहा कि ये देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जरूरी कदम है। जल्द ही वो देश विरोधी ताकतों को खत्म करके सामान्य स्थिति लागू करेंगे। 

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Updated 22:23 IST, December 3rd 2024