Published 17:08 IST, October 3rd 2024
आपराधिक मामलों में किशोर की उम्र घटाकर 14 साल की जानी चाहिए: अजित पवार
अजित पवार ने अपने विधानसभा क्षेत्र पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा करेंगे।
Maharashtra News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपराधिक मामलों में ‘किशोर’ की परिभाषा तय करने की कानूनी उम्र मौजूदा 18 वर्ष से घटाकर 14 वर्ष की जानी चाहिए।
अजित पवार ने अपने विधानसभा क्षेत्र पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में बारामती में अपने दोस्त की कथित तौर पर हत्या करने वाले दो कॉलेज छात्रों की उम्र 17 साल थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा आपराधिक कानून के तहत कड़ी सजा तभी दी जा सकती है जब आरोपी की उम्र 18 साल से अधिक हो।
पवार ने कहा, ‘‘पहले, 18 से 20 वर्ष की आयु को वयस्कता निर्धारित करने के लिए उपयुक्त माना जाता था। हालांकि, समय बदल गया है और आज बच्चे कहीं अधिक जागरूक और सूचित हैं। छोटे बच्चे अब ऐसे सवाल पूछते हैं जिनके बारे में हम पांचवीं कक्षा के बाद तक नहीं सोच सकते थे। कुछ अधिकारियों का मानना है कि आयु सीमा 18 से घटाकर 14 कर दी जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्रह साल के बच्चे अच्छी तरह जानते हैं कि वे अपराध करने के बाद (अपनी उम्र के कारण) कड़ी सजा से बच सकते हैं। यह देखा गया है कि 15-, 16-, या 17- साल के युवा आपराधिक गतिविधियों में तेजी से लिप्त हो रहे हैं। हमें नये कानूनों का मसौदा तैयार करते समय केंद्र को इस चिंता से अवगत कराने की जरूरत है।’’
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि वह अगली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पर इस मुद्दे पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं और इस मुद्दे पर केंद्र को एक औपचारिक पत्र भी लिखेंगे। पवार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी चर्चा करेंगे।
इस साल मई में पुणे में कथित तौर पर नशे की हालत में पोर्श कार चला रहे एक लड़के ने मोटरसाइकिल पर सवार एक महिला समेत दो आईटी पेशेवर को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद दोनों की मौत हो गई थी। पोर्श कार चला रहे लड़के की आयु भी 17 वर्ष थी और वह एक बिल्डर का बेटा है।
Updated 17:08 IST, October 3rd 2024