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Published 08:44 IST, December 15th 2024

Margashirsha Purnima 2024: मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज, नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत सबकुछ

Margashirsha Purnima 2024: आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा के मौके पर आपको इस शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा | Image: Shutterstock

Margashirsha Purnima 2024: सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2024) का बेहद खास महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा-अर्चना और व्रत किए जाने का परंपरा है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा, मोक्षदायिनी पूर्णिमा और बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाती है जो कि आज यानी रविवावर, 15 अगस्त को है।

कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा व व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुखों का नाश होता है और घर में कभी धन की कमी नहीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज आप किसी शुभ मुहूर्त में सही विधि विधान के साथ विष्णुजी और लक्ष्मी जी की पूजा कर सकते हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त (Margashirsha Purnima Shubh Muhurat)

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के मौके पर आप इन शुभ मुहूर्तों में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 17 मिनट से लेकर 06 बजकर 12 तक।
  • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 41 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 05 बजकर 51 मिनट तक।
  • सायाह्न सन्ध्या: शाम 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 48 मिनट तक।
  • अमृत काल: सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर 07 बजकर 36 मिनट तक।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि (Margshirsh Purnima Puja Vidhi)

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है, हालांकि आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर भी स्नान कर सकते हैं।
  • इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध करें।
  • इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और इस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उसके बाद दीपक और धूप जलाएं।
  • दोनों देवी-देवता को फल, फूल, हल्दी, चंदन कुमकुम आदि अर्पित करें।
  • उसके बाद श्री हरि को तुलसी के पत्तों से सम्मिलित भोग लगाएं।
  • भोग लगाने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • इसके बाद शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य अर्पित करें।
  • मान्यता है कि ऐसा करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। अंत में पूजा के बाद इस दिन दान पुण्य का कार्य जरूर करें।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें मंत्रों का जाप (Margashirsha Purnima 2024 Puja Mantra)

  • ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः
  • या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। 
    या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
  • लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 08:44 IST, December 15th 2024

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