Published 11:59 IST, November 20th 2024
Kharmas 2024 Date: कब शुरू होगा खरमास? जानिए इस दौरान क्या करें और क्या नहीं
Kharmas 2024 Date: आइए जानते हैं कि इस साल खरमास किस तारीख से शुरू होकर कौन सी तारीख को खत्म होगा।
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Kharmas 2024: हिंदू धर्म में खरमास के महीने को बेहद खास माना जाता है। खरमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ-मांगलिक कार्य को करने की मनाही होती है। ऐसे में सनातन धर्म के लोगों के लिए ये महीना काफी महत्वपूर्ण होता है। खास बात ये है कि खरमास साल में 2 बार लगता है।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर खरमास किस तारीख से लगने वाला है और इस पूरे महीने के दौरान किन कामों को करने की मनाही होती है, तो चलिए हम आपको बताते हैं।
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खरमास की शुरुआत (Kharmas ki Shuruaat)
पंचांग के अनुसार, इस साल 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। दरअसल, 15 दिसंबर के दिन रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके साथ खरमास की शुरूआत हो जाएगी। हालांकि खरमास केवल एक महीने ही रहेगा। इस दौरान शुभ एवं मांगलिक कार्य करने वर्जित होते हैं।
खरमास का समापन (Kharmas ka samapan)
दिसंबर में शुरू होने वाले इस खरमास का समापन नए साल यानी 2025 में होगा। जिसके बाद दोबारा से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। दरअसल, सूर्य देव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो उस समय खरमास का समापन हो जाएगा। ऐसे में नए साल 2025 में सूर्य देव मकर राशि में मंगलवार, 14 जनवरी को प्रवेश करेंगे, उस दिन खरमास का समापन हो जाएगा। इसके बाद से हर तरह के मांगलिक कार्यों की शुरुआत फिर से हो जाएगी।
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खरमास के दौरान न करें ये काम (Do not do se things during Kharmas)
- खरमास महीने के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। दरअसल, कुछ कामों को करने के लिए खरमास को शुभ समय नहीं माना जाता है।
- इस दौरान विवाह जैसे शुभ काम करने की भी मनाही होती है।
- खरमास के दिनों में मुंडन, गृह प्रवेश और सगाई आदि करना भी वर्जित होता है।
- खरमास के दौरान नए कपड़े, संपत्ति या गाड़ी आदि खरीदने के लिए भी मना किया जाता है।
- इस दौरान तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- हिंदू धर्म में खरमास के दौरान बहू या बेटी की विदाई करना भी वर्जित होता है।
खरमास में क्या करना चाहिए? (What should be done in Kharmas?)
- खरमास के समय में आप दैनिक पूजा कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें, विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- इस समय व्रत रखें और पवित्रता बनाए रखें।
- गरीबों को दान दें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- इस दौरान आप अपने इष्ट देव की आराधना कर सकते हैं।
- संयमित जीवन अपनाएं और मानसिक शांति के लिए ध्यान करें।
- ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप आदि कर सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
11:59 IST, November 20th 2024