Published 12:56 IST, December 15th 2024
संभल मस्जिद से बस कुछ दूर मंदिर में बजी घंटी, 46 साल बाद बर्क के मोहल्ले में महादेव का रुद्राभिषेक
संभल के जामा मस्जिद से बस ही कुछ ही मीटर की दूरी पर भस्म शंकर मंदिर में रविवार को महादेव का रुद्राभिषेक किया गया।
- भारत
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हिंसा की आग में झुलसे संभल में पुलिस की टीम को जांच के दौरान 46 साल से बंद एक मंदिर मिला। मंदिर से सटाकर एक दीवार खड़ी कर दी गई थी और इस पर अवैध कब्जा कर इसे बंद कर दिया गया था। संभल जिला प्रशासन ने शनिवार को नखासा पुलिस थाने के अंतर्गत खग्गू सराय इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत भस्म शंकर मंदिर को खोला, जिसमें हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग था। आज,रविवार को मंदिर में अहले सुबह आरती हुई, जिसके बाद महादेव का रुद्राभिषेक किया गया।
संभल के जामा मस्जिद से बस ही कुछ ही मीटर की दूरी पर शनिवार को जिला प्रशासन ने एक पुराना मंदिर खोजा था। दरअसल, बीते दिनों संभल जामा मस्जिद इलाके में बिजली चोरी की शिकायत मिली थी। क्षेत्र का निरीक्षण करते समय प्रशासन अचानक इस मंदिर में पहुंचे। इसके जिले के अधिकारियों को सूचित किया। फिर मंदिर को खोला गया और साफ-सफाई की गई। आज, रविवार को 46 साल बाद इस मंदिर में सुबह की आरती हुई। नमाज की आवाज के बीच बर्क के मोहल्ले में रविवार को शंख और घंटी की भी आवाज गूंजी। बढ़ी संख्या में लोग आरती में शामिल भी हुए।
संभल के भस्म शंकर मंदिर में रुद्राभिषेक
संभल के भस्म शंकर मंदिर में सुबह की आरती के बाद महादेव का रुद्राभिषेक हुआ। पंडित की मौजूदगी के बीच भगवान भोले का रुद्राभिषेक किया गया। इसके बाद उनकी श्रृंगार पूजा की गई। बड़ी संख्या में हिंदु समाज के लोग इस रुद्राभिषेक में शामिल होने पहुंचे थे। पूरा इलाका कुछ देर हर-हर महादेव की जयकार गुंज उठा। सुरक्षा के मद्देनजर यहां प्रशासन की भी मौजूदगी थी। विधि-विधान पूजा-पाठ के बाद मंदिर आम लोगों के लिए खोला दिया गया।
जिया उर्रहमान बर्क के आवास के पास मंदिर
स्थानीय लोगों का दावा है कि 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदू समुदाय के सदस्यों के यहां से पलायन करने के बाद से ही यह मंदिर बंद था। मंदिर पर मुस्लिमों ने कब्जा कर मकान में मिला लिया था। इतना ही नहीं मंदिर के बराबर कुएं को भी पाट दिया गया था। बता दें कि भस्म शंकर मंदिर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क के आवास से महज दो सौ और सर्वे को लेकर चर्चा में आई शाही मस्जिद से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित है।
1978 के दंगों का बाद हुआ था हिंदुओं का पलायन
मंदिर के दोबारा खुलने के बाद लोगों में खुशी है। इधर हिंदू महासभा के 82 वर्षीय संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा, "मैं अपने जन्म से ही खग्गू सराय में रहता हूं। वर्ष 1978 के दंगों के बाद, हमारे समुदाय के लोगों को इस क्षेत्र से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। हमारे कुलगुरु को समर्पित यह मंदिर तब से बंद है। खग्गू सराय में भी हमारा घर हुआ करता था। करीब 25-30 हिंदू परिवार वहां रहते थे। दंगों के बाद हमने मकान बेच दिए और वह जगह छोड़ दी।
बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत की घटना के कुछ सप्ताह बाद, प्रशासन ने मुगलकालीन मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण और बिजली चोरी से निपटने के लिए अभियान शुरू किया है। खग्गू सराय जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Updated 13:15 IST, December 15th 2024