Published 19:11 IST, August 29th 2024
दिल्ली दंगे : उमर खालिद की जमानत याचिका पर 7 अक्टूबर को होगी सुनवाई
उमर खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक उस जमानत याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया है
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में भड़के सांप्रदायिक दंगों की कथित बड़ी साजिश को लेकर गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका सात अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की खंडपीठ ने छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के संस्थापक खालिद सैफी और मामले के अन्य सह-आरोपियों की लंबित जमानत याचिकाओं को भी उसी तारीख को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
उमर खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक उस जमानत याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया है, जिस पर 24 जुलाई को नोटिस जारी किया गया था।
खंडपीठ ने इस मामले के पक्षकारों से लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। अदालत ने कहा, ‘‘सात अक्टूबर की तारीख फिर से अधिसूचित करें। पक्षों को दो सप्ताह के भीतर लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।’’
खालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसने निचली अदालत द्वारा जमानत न दिये जाने के फैसले की आलोचना की है। उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दंगों की कथित "साजिश" के लिए यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से अधिक घायल हो गये थे। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 19:12 IST, August 29th 2024