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Published 16:16 IST, April 4th 2024

कबूतरबाजी के शिकार 4 में से 2 युवक लौटे भारत,रूस-यूक्रेन यु्द्ध में मोर्चा संभाला, बताई खौफ की कहानी

कबूतरबाजी के शिकार केरल के दो युवक स्वदेश लौट आए हैं। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी भारतीयों की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kiran Rai
रूस-यूक्रेन युद्ध | Image: AP

Kerala Men Returned: निजी एजेंसियों द्वारा रूसी सेना में भर्ती किए जाने के बाद, सुरक्षित घर लौटे केरल के दो लोगों ने रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अपना खौफनाक अनुभव बयां किया और प्राधिकारियों से ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे दो अन्य नागरिकों को स्वदेश लाने में मदद करने का अनुरोध किया।तिरुवनंतपुरम निवासी प्रिंस और डेविड मुथप्पन पिछले दो दिनों में केरल लौटे हैं।

नयी दिल्ली में केंद्रीय सरकारी एजेंसियों को अपना बयान दर्ज कराने के बाद केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम केंद्रीय रेलवे स्टेशन पहुंचे मुथप्पन ने बुधवार रात को मीडिया से बातचीत की। उन्हें यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया गया। मुथप्पन ने कहा कि उसने कभी जीवित घर लौटने की उम्मीद नहीं की थी।

उसने मीडिया को बताया, ‘‘मूल प्रशिक्षण मिलने के बाद हमें सीधा लड़ाई के लिए युद्ध मोर्चे पर ले जाया गया। हमने जहां भी देखा, शव ही शव बिखरे मिले।’’ एक दिन पहले यहां पहुंचे प्रिंस ने कहा कि वह घायल हो गया था और 30 दिन से अधिक समय तक रूस के एक अस्पताल में भर्ती रहा था।

उसने बताया कि उसके दो दोस्त विनीत और टीनू अब भी युद्ध क्षेत्र में हैं। प्रिंस ने बताया, ‘‘हालात खराब हैं। हम सिग्नल पकड़ में आने और उन स्थानों पर संभावित मिसाइल हमलों के खतरे के कारण फोन नहीं कर सकते थे।’’ अंचुथेंगु निवासी प्रिंस ने बताया कि वह घायल हो गया था और उसे सुरक्षित स्थान की तलाश में तीन किलोमीटर तक रेंगना पड़ा था।

रूस से लौटे दोनों नागरिकों ने बताया कि उन्हें हर जगह क्षत-विक्षत शव मिले। प्रिंस ने कहा, ‘‘हमें एके-45, आरपीजी, ग्रेनेड और स्मोकर्स समेत विभिन्न हथियारों के संचालन का एक महीने का प्रशिक्षण दिया गया।’’

प्रिंस ने यह भी कहा कि उसने प्रियन नामक एक व्यक्ति को सात लाख रुपये दिए थे जिसने युद्ध के लिए उनकी भर्ती की जबकि उनसे यह कहा गया था कि यह एक सुरक्षाकर्मी की नौकरी है। इससे पहले, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि केंद्र सरकार युद्ध प्रभावित क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और उन्हें भर्ती करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी है।

रूस से लौटे इन व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने बताया कि एक भर्ती एजेंसी उन्हें अच्छा वेतन दिलाने का वादा कर रूस ले गयी थी। मुरलीधरन ने कहा था कि अधिकारियों ने उन एजेंसियों की जांच शुरू कर दी है जिन्होंने भारतीयों को रूसी सेना में आकर्षक नौकरी का लालच देकर युद्धग्रस्त यूक्रेन जाने के लिए भर्ती किया था।

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Updated 16:16 IST, April 4th 2024

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