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Published 17:03 IST, November 24th 2024

Maharashtra: महाराष्ट्र में कांग्रेस की ऐसी दुर्गति, पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण भी अपना गढ़ हार गए

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गृह जिले कराड में मिली हार उनके दशकों लंबे राजनीतिक जीवन के लिए एक बड़ा झटका है।

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Former Chief Minister Prithviraj Chavan | Image: PTI
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Maharashtra: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गृह जिले कराड में मिली हार उनके दशकों लंबे राजनीतिक जीवन के लिए एक बड़ा झटका है। राज्य के सबसे शिक्षित विधायकों में से एक चव्हाण अपने राजनीतिक करियर में राज्य के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री भी बने।

साफ-सुथरी और गैर-विवादास्पद छवि के लिए जाने जाने वाले चव्हाण (78) 2010 में उस समय राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जब कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही थी। हाल ही में जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर प्रचार किया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि चव्हाण अंतरराष्ट्रीय स्तर के राजनेता हैं और राज्य विधानसभा के लिए अनुपयुक्त हैं। चव्हाण के आलोचकों को भी यह जानकर आश्चर्य हुआ कि शनिवार को घोषित विधानभा चुनाव के परिणामों में उन्हें भाजपा के अतुल भोसले से लगभग 40,000 मतों से हार मिली है। यह हार चव्हाण के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी एक बहुत बड़ा झटका है, जिसे राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में मात्र 16 सीट पर जीत मिली। यह कांग्रेस की अब तक की सबसे बुरी हार है।

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बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले चव्हाण ने 1991 में पूरी तरह राजनीति में आने से पहले चार साल तक अमेरिकी वैमानिकी उद्योग में अनुसंधान इंजीनियर के रूप में काम किया। भारत में उन्होंने रक्षा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विशेष प्रयोजन कंप्यूटर विकसित करने के लिए एक कंपनी की स्थापना की तथा भारतीय भाषा कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके पिता और कांग्रेस के नेता दाजीसाहेब चव्हाण जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री थे।

प्रेमला काकी के नाम से जानी जाने वाली अशोक चव्हाण की मां प्रेमला चव्हाण 1991 में निधन से पहले तीन बार कांग्रेस की सांसद रही थीं। पृथ्वीराज चव्हाण ने 1991 में अपने पिता की कराड सीट जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने 1996 और 1998 में भी इस सीट पर जीत हासिल की, लेकिन 1999 में हार गए। कांग्रेस ने 2010 में उन्हें अशोक चव्हाण की जगह मुख्यमंत्री बनाया, जिन्हें आदर्श हाउसिंग घोटाले के विवाद के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री बनने के बाद विधान परिषद सदस्य बने और 2014 से वह कराड दक्षिण सीट से विधायक थे।

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मुंबई में कोस्टल रोड और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परिकल्पना मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ही की थी। हालांकि, कांग्रेस नेता के पास जीत के लिए जरूरी कट्टर समर्थक नहीं होना एक नकारात्मक कारक साबित हुआ। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। दोनों दलों ने 2014 में अलग-अलग चुनाव लड़ा। बिट्स पिलानी में मानद विजिटिंग प्रोफेसर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की परिषद के सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण 2002 और फिर 2008 में राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 2004 में, पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 2004 से 2010 तक परमाणु ऊर्जा आयोग और अंतरिक्ष आयोग के सदस्य रहे। 2008 में, उन्हें कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा संसदीय मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

Updated 17:03 IST, November 24th 2024