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पब्लिश्ड 13:32 IST, November 18th 2024

कनाडा-अमेरिका सीमा पर बर्फ में जमे मिले भारतीय परिवार की मौत के मामले में शुरू होगी सुनवाई

एक भारतीय परिवार दो साल पहले सीमा पार करने की कोशिश के दौरान तेज बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में मौत का शिकार हो गया था। अब इस मामले की सुनवाई होगी।

कनाडा-अमेरिका सीमा पर बर्फ में भारतीय परिवार की मौत की सुनवाई | Image: Unsplash

भारत से कनाडा तक फैले एक आपराधिक नेटवर्क में बेहतर जीवन की चाहत रखने वाले परिवारों को तस्करी कर अमेरिका लाया जाता है और इनमें से कई के साथ भयावह घटनाएं घट जाती हैं। इसी तरह का एक भारतीय परिवार दो साल पहले सीमा पार करने की कोशिश के दौरान तेज बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में मौत का शिकार हो गया था। परिवार के पुरुष सदस्य जगदीश पटेल अपने तीन साल के बेटे को गोद में लिए हुए जान गंवा बैठे थे। उनकी पत्नी और बेटी भी इस दौरान जीवित नहीं बचीं। संघीय अभियोजक सोमवार को मिनेसोटा में इस घटना से जुड़े एक मुकदमे में दलील देंगे।

अभियोजकों ने भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29) पर इस तरह के षड्यंत्र को अंजाम देने और फ्लोरिडा के स्टीव शैंड (50) पर 11 प्रवासियों के लिए एक ट्रक में इंतजार करने का आरोप लगाया है। इन प्रवासियों में पटेल दंपति और उनके दो बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी सीमा पार कर अमेरिका जाने की कोशिश करने के दौरान मौत हो गई थी। अभियोजकों का कहना है कि हर्ष पटेल ने ऑरलैंडो के उत्तर में स्थित फ्लोरिडा के डेल्टोना में अपने घर के पास एक कैसीनो में शैंड को इस काम के लिए चुना था।

क्या था पूरा मामला ?

इस घटना में जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालीबेन, 11 वर्षीय बेटी विहांगी और उनके तीन वर्षीय बेटे धार्मिक की मृत्यु हो गई थी। पटेल एक आम भारतीय उपनाम है और जगदीश का हर्षकुमार पटेल से कोई संबंध नहीं है। इस मामले में हर्ष ने खुद को बेगुनाह बताया है। शैंड ने भी खुद को बेगुनाह बताया है। माना जाता है कि गुजरात राज्य के डिंगुचा गांव के रहने वाले जगदीश पटेल के परिवार ने बर्फीले मौसम में खेतों में घूमते हुए घंटों बिताए जहां तापमान शून्य से 36 फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) नीचे तक पहुंच गया था। कनाडाई अधिकारियों को 19 जनवरी, 2022 की सुबह पटेल परिवार के सदस्यों के जमे हुए शव बरामद हुए थे।

जगदीश पटेल ने कंबल में लपेटे हुए धार्मिक को पकड़ा हुआ था। संघीय अभियोजकों का कहना है कि हर्ष पटेल और शैंड एक ऐसे अभियान का हिस्सा थे, जो भारत में ग्राहकों की तलाश करता था, उन्हें कनाडाई छात्र वीजा दिलवाता था, परिवहन की व्यवस्था करता था और उन्हें ज्यादातर वाशिंगटन राज्य या मिनेसोटा के जरिए अमेरिका में तस्करी करके लाता था।

यूएस बॉर्डर पैट्रोल ने भारतीयों को पकड़ा

गत 30 सितंबर को समाप्त होने वाले वर्ष में यूएस बॉर्डर पैट्रोल ने कनाडाई सीमा पर 14,000 से अधिक भारतीयों को गिरफ्तार किया। प्यू रिसर्च सेंटर का अनुमान है कि 2022 तक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या 7,25,000 से अधिक है और इस मामले में केवल मैक्सिको और अल सल्वाडोर के लोगों की संख्या भारतीयों से अधिक है।

हर्षकुमार पटेल के वकील, थॉमस लीनेनवेबर ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उनके मुवक्किल गरीबी से बचने और अपने लिए बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका आए थे और अब ‘उन पर इस भयानक अपराध में भाग लेने का अनुचित आरोप लगाया गया है। लीनेनवेबर के अनुसार, उनके मुवक्किल को, अपने अपनाए गए ‘‘इस देश की न्याय प्रणाली पर भरोसा है और विश्वास है कि मुकदमे में सच्चाई सामने आएगी।’ शैंड के वकीलों ने प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए संदेश का जवाब नहीं दिया।

यह भी पढ़ें: PM नेतन्याहू के घर पर हमले के बाद इजरायल ने लिया हिजबुल्लाह से बदला

अपडेटेड 13:32 IST, November 18th 2024

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