Published 17:24 IST, December 13th 2024
प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने टेबल टेनिस महासंघ को अनुचित व्यवहार बंद करने को कहा
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीएफएफआई) और उसके संबद्ध निकायों को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार बंद करने और उससे दूर रहने का निर्देश दिया है।
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भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीएफएफआई) और उसके संबद्ध निकायों को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार बंद करने और उससे दूर रहने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, नियामक ने महासंघ को अनुचित व्यवहार की चिंताएं दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय करने को कहा। हालांकि निकाय और उसके सहयोगियों पर कोई अर्थदंड नहीं लगाने का फैसला किया गया।
आयोग ने सबअर्बन टेबल टेनिस संघ (टीएसटीटीए), महाराष्ट्र राज्य टेबल टेनिस संघ (एमएसटीटीए), गुजरात राज्य टेबल टेनिस संघ (जीएसटीटीए) और भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) के खिलाफ 12 दिसंबर को प्रभुत्व के दुरुपयोग और प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों को बंद करने और इससे परहेज करने का आदेश पारित किया।
सीसीआई ने 2021 में टीटी फ्रेंडली सुपर लीग एसोसिएशन की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि टीटीएफआई और उसके सहयोगी संगठन प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और वे टेबल टेनिस खिलाड़ियों को आयोजनों तक पहुंच से वंचित करने में शामिल हैं। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर नियामक ने पाया कि टीटीएफआई और उसके संबद्ध संगठनों ने व्हाट्सएप सलाह, सार्वजनिक नोटिस और नियमों में कुछ प्रतिस्पर्धा-रोधी धाराएं शामिल कर टेबल टेनिस टूर्नामेंटों के आयोजन को प्रतिबंधित किया और खिलाड़ियों को भी इन आयोजनों में भाग लेने से रोकने की कोशिश की।
हालांकि टीएफआई और उसके सहयोगी निकायों ने जांच के दौरान उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए हैं। इन कदमों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने अधिनियम की धारा 27 के तहत एक रोक लगाने का आदेश जारी किया और कोई भी मौद्रिक दंड नहीं लगाया है।
Updated 17:24 IST, December 13th 2024