Published 17:14 IST, December 24th 2024
MS Dhoni के रांची वाले बंगले पर खड़ा हुआ बड़ा विवाद, हाउसिंग बोर्ड ने बैठाई जांच; क्या है पूरा मामला?
भारत के दिग्गज खिलाड़ी और सबसे सफल कप्तानों में से एक एमएस धोनी को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। वो जमीन के पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं।
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MS Dhoni News: भारत के सबसे सफल क्रिकेट कप्तानों में से एक एमएस धोनी (MS Dhoni) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। धोनी एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार वो जमीन के पचड़े में फंसते हुए दिख रहे हैं।
दरअसल मामला उनके होमटाउन रांची में हरमू रोड स्थित घर का है, जिसको लेकर झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड (Jharkhand State Housing Board) ने सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसके बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर खलबली मच गई है।
बोर्ड ने लगाए संगीन आरोप
झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड (Jharkhand State Housing Board) ने भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर उनके हरमू रोड स्थित घर की आवासीय जमीन का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करने का आरोप लगाया है। बोर्ड ने कहा कि आवासीय भूमि का गैर-आवासीय उपयोग करना उसके नियमों के खिलाफ है। बोर्ड की ओर से आवंटित आवासीय जमीनों का इस्तेमाल सिर्फ आवासीय कारणों के लिए ही किया जा सकता है।
क्या बोले हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष?
झारखंड प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान के मुताबिक इस जमीन का अन्य किसी चीज के लिए इस्तेमाल करना वर्जित है। उन्होंने कहा-
हमने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं तो धोनी को नोटिस जारी किया जाएगा।
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के नियमों के तहत आवासीय भूमि का व्यावसायिक उपयोग प्रतिबंधित है। अगर ऐसा होता हुआ पाया जाता है तो संपत्ति का आवंटन रद्द भी किया जा सकता है। बता दें कि बीजेपी की झारखंड सरकार ने धोनी (Dhoni) को क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट योगदान और शानदार उपलब्धियों के लिए सम्मान के तौर पर हरमू रोड पर 10 हजार वर्ग फुट का प्लॉट दिया था। तब अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री थे। धोनी पहले हरमू रोड स्थित इसी घर में रहते थे, लेकिन अब वो सिमलिया के रिंग रोड स्थित अपने फार्महाउस में रहते हैं।
डायग्नोस्टिक सेंटर बनाने का दावा
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हरमू में धोनी (Dhoni) के घर पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर बनाने की योजना बनाई जा रहा है। इस खबर के बाहर आने के बाद हंगामा मच गया है। इसको देखते हुए बोर्ड ने प्लॉट के आवंटन के पीछे के मूल इरादे का पता लगाने के लिए एक जांच बैठा दी है, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या इसका इस्तेमाल नियमों के तहत किया जा रहा है या नहीं। बोर्ड के मुताबिक अगर ये पाया गया कि आवासीय भूमि को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए उपयोग किया जा रहा है तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।
Updated 17:14 IST, December 24th 2024