Published 21:12 IST, December 4th 2024
तालिबान के तुगलकी फरमान पर भड़के अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान, कुरान का जिक्र कर दी नसीहत
तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में एक और तुगलकी फरमान जारी कर महिलाओं की आजादी छीन ली है। इस पर Afghanistan के स्टार क्रिकेटर Rashid Khan भड़क उठे हैं।
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Rashid Khan Slams Taliban Govt Dictatorial Order: कहते हैं कुत्ते की धूम कभी सीधी नहीं हो सकती, ऐसा ही कुछ हाल अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबान सरकार (Taliban Govt) का है। तानाशाही के लिए जानी जाने वाली तालिबान सरकार (Taliban Govt) ने एक और तुगलकी फरमान जारी है, जिस पर अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्टार क्रिकेटर राशिद खान (Rashid Khan) भड़क उठे हैं।
तालिबानी तानाशाहों ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की महिलाओं और लड़कियों को एक और जंजीर से जकड़ लिया है। दरअसल तालिबानियों ने महिलाओं से अब एक और अधिकार छीन लिया है। पहले महिलाओं की पढ़ाई पर रोक, फिर सार्वजनिक जगहों पर बोलने पर रोक, पोशाक पर रोक, इतनी सारी पाबंदियों के बाद अब तालिबानी सरकार ने महिलाओं के नर्सिंग की पढ़ाई करने पर रोक लगा दी है।
पिछली बार की तरह तालिबान सरकार का ये फैसला किसी को नागवार नहीं गुजर रहा है। आवाम तो आवाम बड़ी हस्तियां भी इस कदम की आलोचना कर रही हैं और यहां हम बात अफगानिस्तान (Afghanistan) के सबसे मशहूर और बड़े क्रिकेटर राशिद खान (Rashid Khan) की कर रहे हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया के जरिए तालिबान के इस तुगलकी फरमान पर आपत्ति जताई है और कुरान का जिक्र उसे बड़ी नसीहत दी है।
दुनियाभर में क्रिकेट खेलने वाले अफगान स्टार खिलाड़ी राशिद खान (Rashid Khan) ने सोशल मीडिया पर उर्दू और इंग्लिश में लंबा चौड़ा पोस्ट किया है।
कुरान का जिक्र कर दी ये नसीहत
राशिद खान ने इसमें लिखा-
इस्लामी शिक्षाओं में शिक्षा का एक केंद्रीय स्थान है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज्ञान की खोज पर जोर दिया गया है। कुरान सीखने के महत्व पर प्रकाश डालता है और पुरुषों और महिलाओं के समान आध्यात्मिक मूल्य को स्वीकार करता है।
'समाज का ताना-बाना प्रभावित होगा'
अफगानिस्तान की कप्तान कर चुके राशिद खान ने कहा-
मैं बहुत दुख और निराशा के साथ हाल ही में अफगानिस्तान की बहनों और माताओं के लिए शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों के बंद होने पर विचार कर रहा हूं। इस फैसले ने न सिर्फ उनके भविष्य को, बल्कि हमारे समाज के व्यापक ताने-बाने को भी गहराई से प्रभावित किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने जो दर्द और दुख जताया है, वो उनके सामने आने वाले संघर्षों की मार्मिक याद दिलाता है।
युवतियों और महिलाओं के लिए उठाई आवाज
राशिद खान ने पोस्ट में लिखा-
हमारा प्रिय देश अफगानिस्तान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। देश को हर क्षेत्र में पेशेवरों की सख्त जरूरत है, खासकर चिकित्सा क्षेत्र में। महिला डॉक्टरों, खासतौर पर नर्सों की भारी कमी चिंताजनक है, क्योंकि इसका सीधा असर महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा और सम्मान पर पड़ता है। हमारी बहनों और माताओं के लिए ये जरूरी है कि उन्हें ऐसे चिकित्सा पेशेवरों की ओर से प्रदान की जाने वाली देखभाल तक पहुंच मिले जो वाकई में उनकी जरूरतों को समझते हों।
फैसले को वापस लेने की अपील की
IPL में गुजरात टाइटंस ती तरफ से खेलने वाले राशिद खान ने कहा-
मैं इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं, ताकि अफगान लड़कियां शिक्षा के अपने अधिकार को पुनः प्राप्त कर सकें और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकें। सभी को शिक्षा प्रदान करना न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक नैतिक दायित्व है, जो हमारे विश्वास और मूल्यों में गहराई से निहित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक तालिबानी अधिकारी ने कहा कि कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया है, लेकिन सभी संस्थानों के निदेशकों को एक मीटिंग में ये कह दिया गया है कि अब महिलाएं या लड़कियां उनके संस्थानों में नहीं पढ़ सकती हैं।
सार्वजनिक जगहों पर बोलने पर लगाया था बैन
बता दें कि इससे पहले अगस्त 2024 को तालिबानी सरकार ने तानाशाही फैसला लेते हुए महिलाओं से सार्वजनिक जगहों पर बोलने की आजादी छीन ली थी। इसके अलावा उन्हें चेहरा ढकने को भी कहा गया। तालिबानी सरकार के मंत्रालय ने इस फैसले को शरिया कानून के तहत सही ठहराया था।
Updated 21:12 IST, December 4th 2024