पब्लिश्ड 16:38 IST, November 6th 2024
मां गंगा ने जन्म देते ही बहा दिए अपने 7 पुत्र, बच गए सिर्फ भीष्म पितामह, जानें क्यों
What was the curse of Ganga? महाभारत काल में भीष्म पितामह से जुड़े कई ऐसे राज हैं, जिन पर आज तक पर्दा पड़ा हुआ है। जानते हैं ऐसे ही एक राज के बारे में...
- धर्म और आध्यात्मिकता
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Why did Ganga kill her seven children? जब भी महाभारत के मुख्य किरदारों की बात आती है तो भीष्म पितामह का नाम भी जरूर आता है। भीष्म पितामह की प्रतिज्ञा के कारण महाभारत की शुरुआत हुई। कहते हैं कि माता सत्यवती ने भीष्म पितामह को मजबूर किया कि वह प्रतिज्ञा लें कि वे कभी भी शादी नहीं करेंगे, जिससे मां सत्यवती के पुत्रों का राज्याभिषेक हो सके और भीष्म पितामह ने ऐसा ही किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भीष्म पितामह के सात भाई जन्म लेते ही मर गए, जी हां उन्हीं की मां ने उन्हें नदी में बहा दिया, इसके पीछे एक कथा प्रचलित है, जिसके बारे में आपको पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भीष्म पितामह के भाईयों को क्यों उन्हीं की मां ने बहा दिया, जानते हैं इसके बारे में…
भीष्म पितामह के भाईयों का क्या हुआ?
बता दें कि राजा शांतनु को मां गंगा से प्रेम हो गया। परंतु मां गंगा में एक ही शर्त पर शादी की, उन्होंने कहा कि मैं शादी के बाद जो भी करूं आप मुझे कभी नहीं टोकेंगे वरना मैं चली जाऊंगी। राजा शांतनु विवाह के बाद जब राजा शांतनु के पहली संतान हुई तो मां गंगा उसे नदी में बहा आईं। शांतनु को बड़ा आश्चर्य हुआ पर वो कुछ भी नहीं पूछ सकते थे। इसी प्रकार मां गंगा ने दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवां, छठा, सातवां, अपनी सातों संतानों को नदी में बहा दिया।
जब आठवें पुत्र को मां गंगा प्रवाहित करने जा रही थी तब शांतनु से नहीं सहा गया तो उन्होंने मां गंगा से पूछ लिया कि आप ऐसा क्यों कर रही हैं। तब मां गंगा ने कहा कि आपने अपनी प्रतिज्ञा भंग कर दी है। अब मैं इसे नदी में नहीं बहा सकती और न ही आपके पास रह सकती हूं। उन्होंने आगे कहा कि ऋषि वशिष्ठ के श्राप के कारण मां गंगा को इन्हें गर्भ में धारण करना पड़ा, जिनमें से 7 वसुओं को तो मुक्ति मिल गई लेकिन 8वें पुत्र यानि 'द्यु' थे, जिन्हें एक जन्म तक कष्ट भोगना था ऐसे में वो भीष्म पितामह के रूप में धरती पर रहे।
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अपडेटेड 16:57 IST, November 6th 2024