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Published 12:46 IST, October 20th 2024

आज कब पढ़ें करवा चौथ व्रत कथा? वीरावती द्वारा करवा माता को प्रसन्न करने की पूरी कहानी

karwa chauth Katha: करवा चौथ की असली कहानी क्या है? करवा चतौथ व्रत कथा किस वक्त पढ़ें? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...

करवा चौथ व्रत कथा | Image: Shutterstock

karwa chauth 2024 vrat katha in Hindi: करवा चौथ पर सुहागन महिलाएं और विवाहित लड़कियां दोनों ही अपने पति या होने वाले पति के लिए व्रत रखती हैं। यदि आपने भी ये व्रत रखा है और आप यह जानना चाहती हैं कि करवा चौथ व्रत की कथा किस वक्त पढ़ें और व्रत की कथा असल में क्या है तो इसके लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है।

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि करवा चौथ की कथा किस वक्त पहले जाएं और करवा चौथ की असल कथा है। पढ़ते हैं आगे…

कार्तिक की करवा चौथ की कहानी 

पौराणिक कथा के अनुसार, एक द्विज नामक ब्राह्मण था। उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम वीरावती था। वह सात बेटे वीरावती से बेहद प्रेम करते थे। एकलौती बहन होने के कारण वीरावती उनकी लाडली थी। शादी के बाद जब वीरावती का पहला करवा चौथ व्रत आया तो उसने यह व्रत मायके में किया। उस दौरान वीरावती ने व्रत निर्जला रखा। वह इस व्रत से बेहद परेशान हो गई। ऐसे में जब भाइयों को इस बात का पता चला कि वेरावती चांद निकलने का इंतजार कर रही है तो भाइयों ने अपनी बहन के साथ छल किया। उन्होंने पेड़ पर चढ़कर एक छलनी में दीपक रख दिया। जला हुआ दीपक रख दिखाकर अपनी बहन से कहा कि देखो चांद निकल आया है। बहन ने अपने भाइयों की बात मानकर इसी नकली दीपक को चांद समझ लिया। 

जब अर्ध्य देने के बाद वह भोजन करने बैठी तो सबसे पहले बाल निकला फिर छींक आई और फिर ससुराल से बुलावा आ गया कि उसके पति की मृत्यु हो गई है। तब इंद्राणी ने वीरावती से कहा कि तुम रो मत बल्कि कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत रखना। उसके बाद उसका पति पुन:जीवित हो गया। तभी से पति की लंबी आयु के लिए सुहागन महिला इस व्रत को रखती हैं। 

करवा चौथ व्रत कथा का सही समय

बता दें कि करवा चौथ व्रत कथा का सही समय शाम 7 बजकर 22 मिनट तक है यानी आप शाम 7 बजकर 22 मिनट से पहले इस व्रत कथा को पढ़ सकते हैं।

ये भी पढ़ें - Karwa Chauth 2024: चांद को अर्घ्य देते वक्त बोलें मंत्र, पढ़ें आरती भी

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 12:53 IST, October 20th 2024

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