Published 10:07 IST, November 5th 2024
Chhath Puja 2024: 'छठी मैया' की आरती के बिना अधूरी है छठ पूजा, जरूर करें पाठ
Chhath Puja 2024 Aarti: आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आपको इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।
- धर्म और आध्यात्मिकता
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Chhathi Maiya Ki Aarti: हिंदू धर्म में छठ पूजा का बेहद खास महत्व है। इस साल इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ आज यानी मंगलवार, 5 नवंबर से शुरू हो चुकी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान 36 घंटे का कठोर उपवास किया जाता है और सूर्य देव के साथ उनकी बहन छठी माता की पूजा की जाती है।
छठ पूजा का त्योहार वैसे तो देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन इस त्योहार की सबसे ज्यादा धूम बिहार और उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती है। जो लोग छठी मैया की कृपा पाना चाहते हैं, उन्हें व्रत करने के साथ-साथ छठी माई की आरती भी करनी चाहिए। छठी मैया की आरती के बिना ये छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। तो आइए जानते हैं छठ पूजा की आरती के बारे में।
छठ माता की आरती (Chhathi Maiya Ki Aarti)
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय॥जय॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 10:07 IST, November 5th 2024