Published 07:56 IST, April 9th 2024
Chaitra Navratri 2024: आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानिए घटस्थापना मुहूर्त और पूजा विधि
Chaitra Navratri 2024: आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। आइए जानते हैं कि आप किस मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं।
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Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का बेहद खास महत्व होता है। सनातन धर्म में हर साल दो बार नवरात्रि भी मनाई जाती है। जिसके अनुसार साल की शुरुआत में चैत्र और आखिर में शारदीय नवरात्रि होती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
वहीं, आज यानी मंगलवार, 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान सभी नौ देवियों की पूजा और व्रत करने से साधक को मनचाहा फल मिलता है और उसकी हर दुख-परेशानी का नाश हो जाता है। आइए जानते हैं कि आज घटनस्थापना के लिए कौन सा समय शुभ रहेगा।
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घटस्थापना का मुहूर्त (Ghatasthapana Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज यानी 9 अप्रैल को है। आज से चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। 09 अप्रैल को घटस्थापना का समय सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह ही 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना की जा सकती है।
चैत्र नवरात्रि पूजा विधि (Chaitra Navratri Puja Vidhi)
- नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ कपड़े पहनें।
- इसके बाद घर के मंदिर के पास लकड़ी के पटरे पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- अब इस चौकी पर मां दुर्गा की मूर्ति समेत बाईं ओर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद माता के सामने मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं। नवरात्रि के दौरान जौ लगाने का बेहद खास महत्व माना जाता है।
- अब एक मिट्टी के कलश में पानी डालकर उस पर नारियल रखें और नारियल को लाल चुनरी से बांध दें।
- कलश पर स्वास्तिक बनाकर आप माता के सामने घी का दीपक जलाएं।
- इस दौरान उन्हें फल, फूल, श्रृंगार का सामान आदि चीजें अर्पित करें।
- पूजा के दौरान आपको 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' मंत्र का जाप करना है।
- नवरात्रि में नौ दिनों के लिए अखंड ज्योत जलाई जाती है इसलिए माता रानी के समीप घी का दीपक जलाते समय उसमें इस्तेमाल किया जाने वाला कलेवा काफी लम्बा होना चाहिए ताकि वह नौ दिनों तक बरकरार रहे।
- इसके बाद माता को घर में बनी दूध की खीर का भोग लगाएं और फिर इसे घर के सदस्यों में प्रसाद के रूप में वितरित कर दें।
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06:56 IST, April 9th 2024