Search icon
Download the all-new Republic app:

पब्लिश्ड 14:55 IST, January 3rd 2025

कुछ लोगों के बालों, नाखूनों की वृद्धि तेज से क्यों होती है? वजह जान लगेगा झटका

हमारे बाल और नाखून यह बताने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि हम कौन हैं और हमारी सामाजिक स्थिति क्या है।

Why do some people hair and nails grow faster know the reason | Image: Freepik

हमारे बाल और नाखून यह बताने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि हम कौन हैं और हमारी सामाजिक स्थिति क्या है। बालों और नाखूनों का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि कोविड लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने अपने हेयरड्रेसर और नेल आर्टिस्ट के कौशल के लिए सराहना पाई। यहाँ तक कि टेलर स्विफ्ट ने भी बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान अपने बाल खुद ही काटे।

जरा सोचिये कि क्या होगा अगर बाल और नाखून संवारना हमारे लिए अत्यंत मुश्किल हो जाए और हम इसे छोड़ने का फैसला कर लें। क्या हमारे बाल और नाखून बढ़ते रहेंगे? इसका जवाब है हाँ। हमारे सिर पर बाल औसतन हर महीने एक सेंटीमीटर बढ़ते हैं, जबकि हमारे नाखून औसतन 3 मिलीमीटर से थोड़े ज़्यादा बढ़ते हैं। इन्हें अनियंत्रित छोड़ने पर हमारे बाल और नाखून प्रभावशाली लंबाई तक बढ़ सकते हैं।

यूक्रेनी रपन्ज़ेल कहलाने वाली आलिया नासिरोवा के नाम एक जीवित महिला के सबसे लंबे बालों का विश्व रिकॉर्ड है। उसके बालों की लंबाई 257.33 सेमी है। जब नाखूनों के रिकॉर्ड की बात आती है, तो यह अमेरिका की डायना आर्मस्ट्रांग के नाम है जिनके नाखून 1,306.58 सेमी लंबे हैं।

ज़्यादातर लोग नियमित रूप से बाल कटवाते हैं और अपने नाखून काटते हैं। यहां दिलचस्प सवाल यह है कि कुछ लोगों के बाल और नाखून ज़्यादा तेज़ी से क्यों बढ़ते हैं? बताइए, वे किस चीज़ से बने होते हैं? बाल और नाखून ज़्यादातर केराटिन से बने होते हैं। दोनों ही त्वचा के नीचे पाई जाने वाली मैट्रिक्स कोशिकाओं के विभाजन से बढ़ते हैं।

नाखून वाली मैट्रिक्स कोशिकाएं, नाखून के आधार पर त्वचा के नीचे होती हैं। ये कोशिकाएँ विभाजित हो कर पुरानी कोशिकाओं को आगे धकेलती हैं। जैसे-जैसे वे बढ़ती हैं, नाखून का विस्तार होता है। नाखून के नीचे का सपाट क्षेत्र समृद्ध रक्त आपूर्ति के कारण गुलाबी दिखता है।

मैट्रिक्स कोशिकाओं से ही बाल उगते है। एक बाल जब उगना शुरू होता है, जो उसका दृश्यमान हिस्सा शाफ्ट बनाता है। यह शाफ्ट एक जड़ से बढ़ता है जो त्वचा के नीचे एक थैली में लिपटा होता है जिसे हेयर फॉलिकल कहते हैं। इस थैली में एक तंत्रिका आपूर्ति होती है, यहीं होती हैं तेल ग्रंथियाँ जो बालों को चिकनाई देती हैं। यहीं एक नन्हीं मांसपेशी होती है जो ठंड होने पर बालों को खड़ा करती है।

हेयर फॉलिकल के आधार पर हेयर बल्ब होता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण हेयर पैपिला होता है जो फॉलिकल को रक्त की आपूर्ति करता है। पैपिला के पास मैट्रिक्स कोशिकाएं विभाजित होकर नई बाल कोशिकाएं बनाती हैं, जो फिर सख्त होकर बालों का शाफ्ट बनाती हैं। जैसे-जैसे नई बाल कोशिकाएं बनती हैं, बाल त्वचा से ऊपर आते हैं और बढ़ते हैं।

पैपिला बाल विकास चक्रों को विनियमित करने में भी एक अभिन्न भूमिका निभाता है। यह स्टेम कोशिकाओं को रोम के आधार पर जाने और बाल मैट्रिक्स बनाने के लिए संकेत भेजता है। मैट्रिक्स कोशिकाओं को तब विभाजित होने और एक नया विकास चरण शुरू करने के लिए संकेत मिलते हैं।

नाखूनों के विपरीत, हमारे बाल चक्रों में बढ़ते हैं वैज्ञानिकों ने बाल के विकास के चार चरणों की पहचान की है। पहला है एनाजेन या वृद्धि चरण, जो दो से आठ साल तक रहता है। दूसरा चरण कैटाजेन या संक्रमण चरण है। इस दौर में बालों का विकास धीमा हो जाता है। यह अवधि लगभग दो सप्ताह तक रही है। तीसरे चरण टेलोजेन या आराम चरण में बालों का विकास नहीं होता और इसकी अवधि करीब तीन माह रहती है। बाल के विकास का अंतिम चरण एक्सोजेन या शेडिंग चरण है। इस अवधि में विकास तो नहीं होता, उल्टे बाल झड़ते हैं और उनकी जगह उसी रोम या हेयर फॉलिकल से उगने वाले नए बाल आ जाते हैं।

यह प्रक्रिया नए सिरे से चलती है। प्रत्येक हेयर फॉलिकल अपने जीवनकाल में इस चक्र से 10-30 बार गुजरता है। यदि हमारे सभी बाल रोम एक ही दर से बढ़ते हैं और एक ही समय में एक ही चरण में प्रवेश करते हैं, तो एक समय ऐसा भी आएगा जब व्यक्ति गंजा हो जाएगा। हालांकि ऐसा आमतौर पर नहीं होता। किसी भी समय, दस में से केवल एक बाल टेलोजेन यानी आराम चरण में होता है।

व्यक्ति के सिर पर औसतन 100,000 से अधिक बाल होते हैं और उगने की प्रक्रिया जारी रहती है। हम प्रतिदिन लगभग 100-150 बाल खो देते हैं। कभी यह प्रक्रिया असंतुलित भी हो जाती है। बालों के विकास की गति को क्या प्रभावित करता है?

आनुवंशिकी इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। बालों की वृद्धि दर व्यक्तियों के बीच भिन्न होती है, लेकिन परिवार के सदस्यों के बीच एक समान होती हैं। नाखून आनुवंशिकी से भी प्रभावित होते हैं, क्योंकि भाई-बहन, विशेष रूप से समान जुड़वाँ, के नाखून की वृद्धि दर समान होती है। लेकिन अन्य प्रभाव भी हैं।

उम्र बालों और नाखूनों की वृद्धि में अंतर लाती है, यहाँ तक कि स्वस्थ लोगों में भी। युवाओं में आम तौर पर धीमे चयापचय और कोशिका विभाजन के कारण विकास दर तेज़ होती है।

हार्मोनल परिवर्तन प्रभाव डाल सकते हैं। गर्भावस्था अक्सर बाल और नाखून की वृद्धि दर को तेज करती है, जबकि रजोनिवृत्ति और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के उच्च स्तर विकास दर को धीमा कर सकते हैं। पोषण भी बाल और नाखून की ताकत और विकास दर को बदलता है।

बाल और नाखून ज्यादातर केराटिन से बने होते हैं, उनमें पानी, वसा और विभिन्न खनिज भी होते हैं। जैसे-जैसे बाल और नाखून बढ़ते हैं, इन खनिजों को प्रतिस्थापित करने की आवश्यकता होती है। इसलिए बालों और नाखूनों को सहारा देने के लिए पर्याप्त पोषक तत्व वाला संतुलित आहार उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

पोषक तत्वों की कमी बालों के झड़ने और नाखून टूटने में योगदान दे सकती है, उनके विकास चक्र को बाधित करके या उनकी संरचना को कमजोर करके। उदाहरण के लिए, आयरन और जिंक की कमी से बालों के झड़ने की दर बढ़ती है और नाखून भंगुर हो जाते हैं।

मृत्यु के बाद बाल और नाखून नहीं बढ़ते हैं एक मिथक लंबे समय से चला आ रहा है कि मरने के बाद भी बाल और नाखून बढ़ते रहते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। मृत्यु के बाद शरीर में पानी की कमी होने पर त्वचा सिकुड़ जाती है, जिससे बाल और नाखून लंबे लगने लगते हैं। चिकित्सक इससे अच्छी तरह वाकिफ़ हैं। कुछ लोग इस प्रभाव को कम करने के लिए मृतक की उंगलियों में टिशू फिलर इंजेक्शन के जरिये डालते हैं। बात चाहे जो भी हो, यह तय है कि हमारे बालों और नाखूनों की देखभाल का काम कभी खत्म होने वाला नहीं है। चाहे हम रहें या न रहें ।

अपडेटेड 14:55 IST, January 3rd 2025

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.

Search icon
Home
Live TV
चुनाव
Quick
भारत
दुनिया
मनोरंजन
कारोबार
खेल
लाइफस्टाइल
वीडियो
वेब स्टोरीज
शोज
फोटो गैलरीज
शॉर्ट्स
टेक्नोलॉजी
धर्म और आध्यात्मिकता
वायरल
रक्षा
लेटेस्ट न्यूज़
प्रधान सेवक
Download the all-new Republic app: