Published 14:25 IST, October 15th 2024
Sharad Purnima Shayari: चांद निकला तो यूं लगा...! शरद पूर्णिमा के चांद पर सुनाएं शायरी
Sharad Purnima 2024 shayari: शरद पूर्णिमा के चांद यहां दी गई शायरियां आप अपने दोस्तों को सुना सकते हैं। जानते हैं उनके बारे में...
Sharad Purnima 2024 shayari: शरद पूर्णिमा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन चांद की छाया के नीचे चावलों की खीर बनाई जाती है और अगले दिन सुबह के वक्त उसका सेवन किया जाता है। मान्यता है कि इस खीर में रात भर बरसने वाला अमृत समा जाता है और यह प्रसाद के रूप में बदल जाती है। वहीं शरद पूर्णिमा के चांद को देखने का भी अलग महत्व है। कहते हैं इस दिन चांद 16 कलाओं से चमकता है। ऐसे में यदि हम शरद पूर्णिमा के चांद पर कुछ शायरियां अपने दोस्तों को सुनाना चाहते हैं तो यहां दिए गए कोट्स आपके काम आ सकते हैं।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि शरद पूर्णिमा के चांद पर कौन सी शायरियां बोल सकते हैं। पढ़ते हैं आगे…
शरद पूर्णिमा के चांद पर शायरी
- चांद निकला तो यूँ लगा मुझ को शब की दीवार में भी दर निकला – इल्यास राज भट्टी
- कल चौदवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा – इब्ने इंशा
- वो चांद कह के गया था कि आज निकलेगा तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं – फ़रहत एहसास
- पूछना चांद का पता ‘आज़र’ जब अकेले में रात मिल जाए – बलवान सिंह आज़र
- पूछो ज़रा ये चांद से कैसे सहर हुई इतनी तवील रात भी कैसे बसर हुई – फ़रह शाहि
- चांद को तुम आवाज़ तो दे लो एक मुसाफ़िर तन्हा तो है – अज़ीम क़ुरैशी
- चांद ख़ामोश जा रहा था कहीं हम ने भी उस से कोई बात न की – महमूद अयाज़
- चांद ख़ुद को देख कर शरमाएगा बादलों की ओट में छुप जाएगा – सीमा शर्मा मेरठी
- हाथ में चांद जहां आया मुक़द्दर चमका सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा – बशीर बद्र
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Updated 14:25 IST, October 15th 2024