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Published 10:05 IST, December 21st 2024

Uttar Pradesh: हिमालयन सहकारी आवास समिति भूमि मामले में सतर्कता जांच के आदेश

Uttar Pradesh: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने हिमालयन सहकारी आवास समिति भूमि मामले में सतर्कता जांच के आदेश दिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट | Image: Shutterstock

Uttar Pradesh: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान को हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड से जुड़े भूमि संबंधी मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है।

मामले में समिति द्वारा तय सीमा से अधिक जमीन लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के कर्मचारियों से मिलीभगत करके प्राधिकरण को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है।

अदालत ने समिति व प्राधिकरण के कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 20 जनवरी को जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने तीन दिसंबर को सुनंदा अग्रवाल की ओर से दाखिल एक अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ किसी आदेश की अवमानना का मामला नहीं बनता है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान जो तथ्य सामने आये हैं वे बहुत ही गंभीर हैं और ऐसे में वह जनहित को देखते हुए अपनी आंखे नहीं बंद रख सकती है। इसके साथ ही पीठ ने मामले की सतर्कता अधिष्ठान से जांच के आदेश दिए।

अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने पाया था कि हिमालयन सहकारी आवास समिति लिमिटेड ने तय सीमा साढ़े बारह एकड़ से करीब दो गुना अधिक भूमि को लेकर प्राधिकरण से मुआवजा प्राप्त कर अपने सदस्यों को भूखंड दिया है जो कि सरासर अवैध कृत्य है। ये जमीनें गोमतीनगर विस्तार में स्थित हैं।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 10:05 IST, December 21st 2024

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