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पब्लिश्ड 14:13 IST, January 14th 2025

Mahakumbh: 1954 के पहले कुंभ मेले में कैसा था नजारा, 70 साल में कितना बदला प्रयागराज? VIDEO देख पावन भूमि को नमन कर रहे लोग

70 साल पहले 1954 में कुंभ कैसा था? इसकी जिज्ञासा तो हर किसी के मन में होगी। तो चलिए हम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 1954 के उस कुंभ मेले की झलकियां दिखाते हैं।

Reported by: Ravindra Singh

1954 Kumbh Video Viral: 13 जनवरी से ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ‘महाकुंभ 2025’ का आयोजन शुरू हो चुका है अब तक देश और विदेश के करोड़ो श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ का ये स्नान आगामी 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक चलेगा। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में इस बार लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रहा है। इस साल महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। मौजूदा समय महाकुंभ किस गति से चल रहा है ये पूरी दुनिया देख रही है लेकिन अब से 70 साल पहले 1954 में कुंभ कैसा था? इसकी जिज्ञासा तो हर किसी के मन में होगी। तो चलिए हम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 1954 के उस कुंभ मेले की झलकियां दिखाते हैं।

अब से 70 साल पहले प्रयागराज में कैसा था आजाद भारत का कुंभ मेला? 1954 के उस कुंभ मेले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हम देख रहे हैं कि कैसे आजाद भारत में पहली बार श्रद्धालु देश के कोने-कोने से प्रायगराज (तब इलाहाबाद) के लिए पहुंचे थे। इतना ही नहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी इस कुंभ के दौरान इलाहाबाद पहुंचे थे। 70 वर्ष पुराने इस वीडियो में 1954 में लगे कुंभ मेले की झलकियां दिखाई गईं हैं। इस वीडियो में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत को नाव की सवारी में देखा जा सकता है। वो खुद एक-एक जगह का मुआयना करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उस समय भी कुंभ में लगभग एक करोड़ श्रद्धालु जुटे थे।

 

38 करोड़ की आबादी में से एक करोड़ लोग प्रयाग पहुंचे

1954 में देश की आजादी के बाद पहले कुंभ का आयोजन हुआ था। देश के श्रद्धालुओं का उत्साह इस कुंभ को लेकर इतना था कि उस समय देश की कुल आबादी 38 करोड़ थी और एक करोड़ श्रद्धालु प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पहुंचे थे। इतनी बड़ी आबादी के लिए उस समय बहुत बेहतर व्यवस्था नहीं होने के बावजूद एक करोड़ लोग कुंभ में पहुंचे थे। इस दौरान कुंभ पहुंचे श्रद्धालु सनातन और संस्कृति की मजबूत नींव रख रहे थे। ये श्रद्धालु देश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने के लिए कुंभ पहुंच रहे थे।


वायरल वीडियो ने ताजा की 1954 कुंभ के दर्दनाक हादसे की यादें

1954 प्रयाग कुंभ मेला आजाद भारत का पहला कुंभ मेला था लेकिन इस मेले के वीडियो को देखते ही ताजा हो गई वो दर्दनाक तस्वीरें जो कि उसी कुंभ में भगदड़ की वजह से हुई थी। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद के कुंभ मेले में मौनी अमावस्या को शाही स्नान के दिन जोरदार भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में लगभग 500 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस दिन अचानक हुई भगदड़ में सैकड़ों श्रद्धालु भीड़ के पैरों तले कुचल दिए गए थे। अगले दिन अखबारों में भगदड़ में बिखरे सामान लोगों की छूटी चप्पलें और जूते की तस्वीरें छपी थीं। रिपोर्ट्स की मानें तो कहीं इस भगदड़ का जिम्मेदार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को माना जा रहा था। क्योंकि उनके मेले में पहुंचने पर सारी सुरक्षा व्यवस्था उनके लिए ही लग गई थी। बाद में सरकार ने दावा किया था कि भगदड़ में कुछ भिखारी ही मरे थे। 

 

यह भी पढ़ेंः Prayagraj Mahakumbh:नरसिंहानंद गिरि कैंप में आयुष बनकर घुसा मुस्लिम युवक

अपडेटेड 14:35 IST, January 14th 2025

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