Search icon
Download the all-new Republic app:

Published 13:22 IST, April 2nd 2023

'भारत ने कर दिखाया'; रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX का ISRO ने किया सफल परीक्षण

ISRO RLV LEX Mission : इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX का सफल परीक्षण किया है। साथ में इसरो ने अंतरिक्ष यान की Autonomous Landing सफलतापूर्वक हासिल की है।

Reported by: Dalchand Kumar
RLV LEX | Image: self

RLV LEX Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के नाम एक और सफलता दर्ज हो गई है। इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX का सफल परीक्षण किया है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्थित वैमानिकी परीक्षण रेंज ( ATR ) में इसरो ने यह परीक्षण किया है। इसी के साथ इसरो ने अंतरिक्ष यान की ऑटोनॉमस लैंडिंग सफलतापूर्वक हासिल की है। इसरो ने रविवार को इस सफलता की जानकारी दी।

इसरो की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'भारत ने कर दिखाया है। डीआरडीओ के साथ इसरो ने 2 अप्रैल 2023 को तड़के कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की ऑटोनॉमस लैंडिंग का सफलतापूर्वक संचालन किया।' इसरो ने RLV LEX की लैंडिंग का वीडियो भी साझा किया है।

RLV ने 4.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भरी

इसरो के मुताबिक, आरएलवी ने भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से सुबह 7:10 बजे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरी। तय मापदंडों तक पहुंचने के बाद मिशन प्रबंधन कंप्यूटर की कमान के आधार पर आरएलवी को बीच हवा में 4.6 किलोमीटर की क्षैतिज दूरी से छोड़ा गया। स्थिति, वेग, ऊंचाई आदि समेत 10 मापदंडों पर नजर रखी गई और इनके पूरा होने पर आरएलवी को छोड़ा गया। आरएलवी को ऑटोनॉमस मोड में भेजा गया।

RLV LEX में कई उपकरण स्वदेशी

आरएलवी ने इंटीग्रेटेड नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए सुबह 7:40 बजे एटीआर पर अपनी लैंडिंग की। बयान में कहा गया है, 'स्पेस री-एंट्री व्हीकल की लैंडिंग ठीक उसी हाई स्पीड, मानवरहित के साथ की गई थी, जैसे कोई वाहन अंतरिक्ष से आता है।' अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि LEX में कई स्वदेशी सिस्टम्स का इस्तेमाल किया गया है। इसमें लगे नेविगेशन सिस्टम, इंस्ट्रूमेंटेशन और सेंसर जैसे सिस्टम इसरो ने ही विकसित किए गए हैं। 

यह भी पढ़ें: LVM-III रॉकेट की सफल लॉन्चिंग पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह बोले- ISRO से जुड़ने पर गर्व है

ISRO के साथ कई संस्थानों ने किया काम

ISRO के साथ भारतीय वायु सेना (IAF), सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC), वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) और एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) ने इस परीक्षण में योगदान दिया।

यह भी पढ़ें: Chandrayaan-3 और Aditya L-1 को लेकर ISRO चीफ ने दी बड़ी जानकारी, जानिए क्या बोले सोमनाथ

Updated 13:22 IST, April 2nd 2023

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.