Published 15:01 IST, October 11th 2024
सांप छछूंदर वाला हाल... जम्मू-कश्मीर में 370 की बहाली की मांग पर उमर अब्दुल्ला ने क्यों लिया यू-टर्न
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली अब असंभव है, क्योंकि किसी राज्य को विशेष दर्जा देने और हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है।
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा अगर कोई मुद्दा नेताओं की जुबान पर था वो था 'धारा 370' का। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति को आधार बनाकर वोट मांग रही थी तो दूसरी ओर नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस धारा 370 की राज्य में बहाली के नाम पर वोट मांग रही थी। चुनाव हो गए, नतीजे सबके सामने हैं, नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस सरकार बनाने जा रहे हैं।
सरकार गठन के बीच बड़ा सवाल यही है कि जिस धारा 370 की बहाली को लेकर नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर की आवाम से जो वादा किया था क्या वो उसे पूरा कर पाएंगे? क्या जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा 370 बहाल करने की ताकत जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पास है? अगर नहीं तो फिर जम्मू-कश्मीर की आवाम के सामने धारा 370 की बहाली की बात क्यों की गईं, क्यों नेशनल कांन्फ्रेंस ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया?
तो आइये आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली अब असंभव है, क्योंकि किसी राज्य को विशेष दर्जा देने और हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है, लिहाजा नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार लोगों से किए हुए धारा 370 की बहाली के वादे को पूरा नहीं कर सकती है।
370 की बहाली पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम 370 पर खामोश नहीं रहेंगे लेकिन मौजूदा सरकार से इसकी बहाली की उम्मीद करना मूर्खता होगा। उन्होंने कहा, "हमारा राजनीतिक रुख नहीं बदलेगा, हमने कभी नहीं कहा कि हम चुप रहेंगे या अब ये हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन हम लोगों को बेवकूफ बनाने को तैयार नहीं है, मैंने हमेशा कहा है कि धारा 370 हटाने वाले लोगों से इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता से कम नहीं है।"
370 नहीं स्टेटहुड है प्राथमिकता- फारूख अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद नेशनल कांन्फ्रेंस के चीफ फारूख अब्दुल्ला ने धारा 370 की बहाली के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि धारा 370 की बहाली में अभी समय लगेगा। लेकिन हमारा पहला काम राज्य का दर्जा बहाल करना होगा। स्टेटहुड हमारी प्राथमिकता है ताकि हम काम कर सकें।
उमर अब्दुल्ला जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सरकार को चलाने के लिए उन्हें हर कदम पर केंद्र के सहारे की जरूरत पड़ेगी ऐसे में उमर धारा 370 की बहाली पर कोई बड़ी बात करने से भी बच रहे हैं क्योंकि केंद्र से तनातनी की स्थिति में सरकार चलाने में अड़चने पैदा होंगी और विकास का काम प्रभावित होगा। जिसे उमर अब्दुल्ला बिल्कुल भी नहीं चाहेंगे।
Updated 15:44 IST, October 11th 2024