पब्लिश्ड 10:41 IST, November 17th 2021
जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका; गुलाम नबी आजाद खेमे के कई नेताओं ने पार्टी को सौंपा इस्तीफा
Jammu Kashmir Congress Party: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के करीबी कई नेताओं ने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा दे दिया है।
- भारत
- 2 min read
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस पार्टी (Jammu Kashmir Congress Party) में अंतर्कलह देखने को मिली है। गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के करीबी कई नेताओं ने पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने रिपब्लिक टीवी को बताया कि पूर्व विधायकों और जीएम सरूरी, विकार रसूल वानी, जुगल किशोर शर्मा, मनोहर लाल शर्मा, नरेश गुप्ता, गुलाम नबी मोंगा, सुभाष गुप्ता, अमीन भट और अनवर भट नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एआईसीसी जम्मू-कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल को अपना इस्तीफा दे दिया है।
नेताओं ने कहा कि पार्टी पुराने नेताओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ बगावत कर दी है। इस पूरे घटनाक्रम को गुलाम अहमद मीर को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के लिए दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि कई नेता नाखुश हैं। उनका कहना है कि मीर उनके बेटे के जिला विकास परिषद चुनाव हरने के बावजूद उन्हें पद पर रहने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा इस तथ्य की कथित रूप से उपेक्षा करने के कारण भी नाराजगी है कि मीर के कार्यकाल के दौरान सैकड़ों नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।
रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए, पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी ने पुष्टि की, "हम 7 साल से नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं। यह अलग बात है कि पार्टी के शीर्ष ऐसा नहीं कर रहे हैं।"
संयोग से गुलाम नबी आजाद उन 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने अगस्त 2020 में सोनिया गांधी को पार्टी में नेतृत्व की अनिश्चितता और पार्टी में उतार-चढ़ाव को लेकर पत्र लिखा था। पत्र में कथित तौर पर कई सुझावों का उल्लेख किया गया था जैसे कि राष्ट्रीय और राज्य मुख्यालय में पूर्णकालिक नेतृत्व की आवश्यकता, कांग्रेस कार्य समिति और राज्य स्तर सहित सभी स्तरों पर चुनाव कराना, एक स्वतंत्र चुनाव प्राधिकरण का गठन और संस्थागत नेतृत्व तंत्र आदि मुद्दे शामिल थे। पार्टी को फिर से मजबूत बनाने के लिए ये किया गया था। इस साल फरवरी में पूर्व-जम्मू-कश्मीर सीएम को भी पीएम मोदी की प्रशंसा करने के लिए विरोध का सामना करना पड़ा था।
अपडेटेड 10:49 IST, November 17th 2021