Published 17:25 IST, July 30th 2024
अखिलेश यादव ने बाबू सिंह कुशवाहा और धर्मेंद्र यादव को दी बड़ी जिम्मेदारी, अब करेंगे ये काम
समाजवादी पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अखिलेश के नेतृत्व में सपा ने यूपी में 37 सीट जीती है।
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Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद (MP of Kannauj Lok Sabha Seat) से अखिलेश यादव ने अपने तीन सांसदों को बड़ी जिम्मेदारी का ऐलान किया है। ये तीन सांसद आजमगढ़ (Azamgarh) से धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav), अयोध्या (Ayodhya) से अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) और जौनपुर (Jaunpur) से बाबू सिंह कुशवाहा (Babu Singh Kushwaha) को अखिलेश यादव ने ये बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं। समाजवादी पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अखिलेश के नेतृत्व में सपा ने यूपी में 37 सीट जीती है। इस तरह से सदन में यूपी से सबसे ज्यादा सांसद सपा से हैं।
जौनपुर के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को सपा सुप्रीमो ने समाजवादी संसदीय पार्टी का उपनेता नियुक्त किया है। आजमगढ़ सीट से सांसद धर्मेंद्र यादव को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद को लोकसभा में अधिष्ठाता मंडल का सदस्य का नियुक्त किया है। वहीं समाजवादी संसदीय पार्टी के नेता की जिम्मेदारी खुद अखिलेश यादव ने ली है। अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की इसके बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर लोकसभा में सपा की आवाज उठा रहे हैं।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty)
जानिए क्या होती है सचेतक की जिम्मेदारी
सचेतक क्या होता है इस बारे में आपको बता दें कि सचेतक वो पद है जो सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ से नियुक्त किए जाते हैं। और दोनों ही सचेतकों का काम भी लगभग एक जैसा ही होता है। विपक्षी दलों के सचेतक की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है वो अपने दल के सांसदों को सदन की हर एक महत्वपूर्ण सूचना के बारे में जानकारी देते रहते हैं। सचेतक सदन में अपनी पार्टी के लोकसभा सदस्यों की उपस्थिति उनकी प्रतिभागिता, विशेष रूप से महत्वपूर्ण चर्चाओं और मतदान के दौरान, सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा सचेतक संसद/विधानमंडलों में उच्च स्तर की बातचीत और वाद- विवाद के स्तर को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
सदन में क्या होती है उपनेता की भूमिका?
सदन में जब पार्टी का नेता मौजूद नहीं होता है तो ऐसे में सारी जिम्मेदारी उपनेता के पास चली जाती है। ऐसी स्थिति में उपनेता पार्टी की ओर से नेता के सभी काम को खुद देखते हैं। अगर सदन में पार्टी के नेता अखिलेश यादव किसी कारणवश सदन में मौजूद नहीं होते हैं तो ऐसे में बाबू सिंह कुशवाहा जिन्हें अखिलेश यादव ने सदन में उपनेता की जिम्मेदारी दी है, तो ऐसी स्थिति में बाबू सिंह कुशावाहा अखिलेश की भूमिका अदा करेंगे। उन्हें संसद में एक दफ्तर मिलेगा जिसमें मुख्य सचेतक और नेता संसदीय दल के साथ होगा।
Updated 17:43 IST, July 30th 2024