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Published 22:58 IST, December 25th 2024

महाकुंभ में श्रद्धालु कर सकेंगे ऊंटों की सवारी, जैसलमेर से लाए गए 50 ऊंट

महाकुम्भ के शुरू होने में भले ही अभी एक पखवाड़े से अधिक का समय बाकी है लेकिन संगम समेत गंगा और यमुना के तटों पर अभी से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। छुट्टी के दिन यहां श्रद्धालु बड़ी तादाद में अपने परिवार समेत संगम स्नान का पुण्य कमा रहे हैं।

ऊंटों की सवारी | Image: Unsplash

महाकुम्भ नगर, 25 दिसंबर (भाषा) महाकुम्भ के शुरू होने में भले ही अभी एक पखवाड़े से अधिक का समय बाकी है लेकिन संगम समेत गंगा और यमुना के तटों पर अभी से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। छुट्टी के दिन यहां श्रद्धालु बड़ी तादाद में अपने परिवार समेत संगम स्नान का पुण्य कमा रहे हैं,वहीं महाकुम्भ के कारण घाट पर मौजूद सुविधाओं ने उन्हें पिकनिक मनाने का भी अवसर दे दिया है। इसी क्रम में श्रद्धालु किला घाट से ‘संगम नोज’ तक ऊंटों की सवारी का भी लुत्फ उठा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के जैसलमेर से आए ये ऊंट इस समय श्रद्धालुओं खासकर बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन ऊंटों को इनके मालिकों ने रामू, घनश्याम और राधेश्याम जैसे मनमोहक नाम दिए हैं। ये ऊंट खासतौर पर महाकुम्भ को देखते हुए यहां लाए गए हैं।

एक ऊंट संचालक ने बताया कि यह ऊंट विशेष रूप से राजस्थान के जैसलमेर से आए हैं। कुल 50 ऊंट मेला क्षेत्र में लाए गए हैं, एक बार सवारी करने पर श्रद्धालुओं से 50 से 100 रुपए तक किराया लिया जाता है। श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए इन ऊंटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है।

उन्होंने बताया कि इन ऊंटों में किसी का नाम रामू है, किसी का घनश्याम तो किसी का राधेश्याम और सियाराम। खास बात ये है कि ऊंट की सवारी करने पर ‘ऑनलाइन पेमेंट’ की भी सुविधा है। ‘यूपीआई बार कोड’ इनके गले और पीठ पर लटकाए गए हैं। 

Updated 22:58 IST, December 25th 2024

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