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पब्लिश्ड 20:13 IST, January 15th 2025

चमत्कार! अंतिम संस्‍कार की हो रही थी तैयारी, श्‍मशान ले जाते वक्त उंगलियों की हरकत और जिंदा हुआ शख्‍स

उत्तरी केरल के कन्नूर जिले में एक व्यक्ति शवगृह में स्थानांतरित किए जाने से कुछ ही मिनट पहले चमत्कारिक रूप से जिंदा हो गया।

Reported by: Digital Desk
Kerala man declared dead in Mangaluru hospital found alive in Kannur mortuary | Image: AI

उत्तरी केरल के कन्नूर जिले में एक व्यक्ति शवगृह में स्थानांतरित किए जाने से कुछ ही मिनट पहले चमत्कारिक रूप से जिंदा हो गया। व्यक्ति के परिजनों ने उसे मृत मान लिया था और आगे की प्रक्रिया के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। निकटवर्ती कुथुपरम्बा के पचपोइका निवासी 67 वर्षीय पवित्रन के परिवार ने अगले दिन उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी, लेकिन वह दोबारा जीवित हो गया जिससे सभी लोग चौंक गए।

परिजनों के अनुरोध पर शव को अस्थायी रूप से रखने के लिए यहां एकेजी मेमोरियल को-ऑपरेटिव अस्पताल के शवगृह में फ्रीजर तैयार कर दिया गया था। हालांकि, 'शव' को शवगृह में ले जाने से ठीक पहले अस्पताल के एक सतर्क कर्मचारी ने उसकी उंगलियों की हल्की हरकत देखी और तुरंत पवित्रन के रिश्तेदारों और चिकित्सकों को इसकी जानकारी दी। अस्पताल के एक कर्मचारी जयन ने बताया कि जब शव को शवगृह में ले जाया जा रहा था तो उसने पवित्रन की उंगलियां हिलती हुई देखीं। अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पवित्रन को तुरंत गहन चिकित्सा इकाई में ले जाया गया।

हृदय और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित था शख्‍स

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पवित्रन हृदय और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे और उनका कर्नाटक के मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। यद्यपि वह अस्पताल में वेंटिलेटर पर था, लेकिन इलाज के अधिक खर्च के कारण परिवार ने कथित तौर पर सोमवार को उसे वापस उसके गृहनगर लाने का निर्णय लिया।

रिश्तेदारों ने बताया कि मंगलुरु के चिकित्सकों ने उन्हें बताया था कि पवित्रन बिना वेंटिलेटर के जीवित नहीं रह पाएगा और अगर उसे हटा दिया गया तो 10 मिनट के भीतर उसकी मौत हो जाएगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल से स्थानांतरित होने के बाद से उसने अपनी आंखें नहीं खोली थीं और उसका रक्तचाप भी बहुत कम हो गया था।

उनके निधन की अपनी धारणा को उचित ठहराते हुए परिवार ने बताया कि मंगलुरु में चिकित्सकों ने उन्हें बताया था कि बिना वेंटिलेटर के साधारण एम्बुलेंस में पांच घंटे से अधिक की यात्रा में उनके बचने की संभावना नहीं है। रिश्तेदारों ने बताया कि यात्रा के दौरान पवित्रन कथित तौर पर गतिहीन रहा और उसमें जीवन के कोई लक्षण नहीं दिखे। पवित्रन की पत्नी और बहन एम्बुलेंस में उसके साथ थीं, जबकि अन्य रिश्तेदार कार में उनके पीछे-पीछे आए।

रात में पहुंचने पर परिजनों ने उसके 'शव' को एकेजी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया और मंगलवार के लिए अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। अस्पताल के अटेंडेंट जयन ने उसके शरीर में हलचल को देखा और बुधवार को पत्रकारों के साथ अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, 'मेरे अलावा, हमारे इलेक्ट्रीशियन अनूप भी वहां थे। उन्होंने देखा कि उस व्यक्ति की उंगलियां हिल रही हैं और उन्होंने मुझे बुलाया। मैंने भी देखा। हमने तुरंत रिश्तेदारों और चिकित्सकों को सूचित किया। जब मरीज का रक्तचाप जांचा गया तो वह सामान्य पाया गया।'

अभी ICU में चल रहा इलाज

एकेजी मेमोरियल अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को पुष्टि की कि पवित्रन अभी भी आईसीयू में है और उपचार पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहा है। एक अधिकारी ने बताया, 'जब उसका नाम पुकारा जाता है तो वह अपनी आंखें खोलकर लोगों की ओर देखता है। हालांकि उसकी हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन वह ठीक से प्रतिक्रिया दे रहा है।'

इस बीच परिवार द्वारा मंगलवार को स्थानीय समाचार पत्रों में पवित्रन की 'श्रद्धांजलि' का विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया जिसके बाद कई लोग कथित निधन पर संवेदना व्यक्त करने के लिए उसके घर पहुंचे।

 

अपडेटेड 20:13 IST, January 15th 2025

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