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पब्लिश्ड 18:39 IST, December 2nd 2024

कंबलों की धुलाई को लेकर जारी विवाद के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, मशीन से होगी बेडरोल की सफाई; Video

Indian Railway Laundries: ट्रेनों में मिलने वाले बेडरोल की क्वालिटी को लेकर विवाद के बीच रेलवे ने अच्छी क्वालिटी का बेडरोल देने के लिए नई लॉन्ड्री तकनीक अपनाया।

Reported by: Kanak Kumari Jha
भारतीय रेलवे लॉन्ड्री के लिए नई तकनीक का करेगी इस्तेमाल। | Image: Screen Grab

Indian Railway Laundries: इंडियन रेलवे AC क्लास के यात्रियों को सफर करने के दौरान बेडरोल की सुविधा देते है। हालांकि, इसकी क्वालिटी और साफ-सफाई को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। बीते कुछ दिनों से रेलवे की ओर से ट्रेनों में दिए जा रहे बेडरोल की साफ-सफाई और क्वालिटी को लेकर यात्रियों ने सवाल खड़ा कर दिया। विवाद को बढ़ता देख रेलवे ने कंबलों, चादरों और तकिए के कवर की सफाई के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है।

रेलवे की ओर से कंबलों, तकिए के कवर और बेडशीट की सफाई आधुनिक तरीके से किए जाने की एक वीडियो भी साझा की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने सभी यात्रियों को साफ और अच्छी गुणवत्ता वाले लिनन उपलब्ध कराने के लिए हर रोज 32,000 बेडरोल की क्षमता वाला गुवाहाटी में एक नया लॉन्ड्री केयर सेंटर स्थापित किया है। ये सुविधा आनंद विहार में भी उपलब्ध कराई गई है। इसकी एक वीडियो भी साझा की गई।

गुवाहाटी में अत्याधुनिक लॉन्ड्री एक सुरंग आधारित सिस्टम है, जिसकी कई विशेषताएं हैं। इस तकनीक में बड़ी मात्रा में लिनन को संभालने की क्षमता है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के CPRO कपिंजल किशोर शर्मा ने गुवाहाटी  में स्थापित किए गए लॉन्ड्री के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "इस नए बूट लॉन्ड्री केयर सेंटर की क्षमता प्रतिदिन 32,000 बेडरोल की है। इसके अलावा, कंबल और तकिए के कवर भी साफ किए जा रहे हैं। गुवाहाटी में अत्याधुनिक लॉन्ड्री एक सुरंग आधारित प्रणाली है, जिसमें कई विशेषताएं हैं, जिसमें पानी, बिजली, भाप और रसायनों के उपयोग को अनुकूलित करते हुए बड़ी मात्रा में लिनन को संभालने की क्षमता और बाद के चरणों में स्वचालित स्थानांतरण शामिल है।"

कैसे काम करती है ये आधुनिक लॉन्ड्री तकनीक?

रेलवे की यह नई लॉन्ड्री तकनीक सबसे लेटेस्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है। बेडरोल की क्वालिटी को मेंटेन करने के लिए इसकी सफाई के दौरान ब्रांडेड केमिकल और बेहतर मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही लॉन्ड्री की सफाई के बाद सबसे आखिर में सफाई मानकों को सफेदी मीटर से मापा भी जाता है।

कैप्टन शशि किरण ने कहा, "अच्छी गुणवत्ता वाले लिनेन उपलब्ध कराना उत्तर पश्चिम रेलवे और रेलवे की जिम्मेदारी है और इसी क्रम में आज हमने दिखाया है कि किस तरह से हम गुणवत्तापूर्ण तरीके से लिनेन को साफ करते हैं, धोते हैं और कैलेंडर करते हैं और उसके बाद यात्रियों को देते हैं और यहां जो विस्तार की योजना बनाई जा रही है, उसमें अन्य यात्री ट्रेनों की आवश्यकता के अनुसार लिनेन की धुलाई की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यहां भी विस्तार किया जा रहा है।"

इसे भी पढ़ें: RSS चीफ के तीन से अधिक बच्चों वाले बयान पर भड़के इमरान मसूद, बोले- 'मोहन भागवत ने अपनी सोच....'

अपडेटेड 21:08 IST, December 2nd 2024

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