पब्लिश्ड 14:46 IST, January 9th 2025
'उन्हें वंदे मातरम बोलने में तकलीफ है तो फिर...', महाकुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर बोले शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती
शंकराचार्य ने मंदिरों को मुगल आक्रांताओं द्वारा तोड़कर मस्जिदें बनवाई जाने की बात पर कहा, 'वो तो कहीं दावा ठोंक दे उनका कोई ठिकाना है।'
- भारत
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प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के प्रवेश को लेकर लगातार सियासत जारी है वहीं मुस्लिम पक्ष से ये दावा ठोका गया है कि जहां पर कुंभ का आयोजन हो रहा है वहां पर गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित किया गया है। जब इस बारे में शारदापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज से रिपब्लिक भारत ने बात की तो उन्होंने ऐसे लोगों पर जमकर हमला बोला। स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि मुगलों ने सैकड़ों वर्षों तक देश पर शासन किया था तो आखिर उन्होंने मंदिरों को छोड़कर खाली जगहों पर मस्जिदों का निर्माण क्यों करवाया। अगर उन्होंने ये अलग बनवाई होती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। वहीं महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के प्रवेश वर्जित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन्हें वंदे मातरम बोलने तकलीफ उन्हें महाकुंभ में प्रवेश क्यों करने दिया जाए।
शंकराचार्य इतने पर ही चुप नहीं हुए उन्होंने मंदिरों को मुगल आक्रांताओं द्वारा तोड़कर मस्जिदें बनवाई जाने की बात पर कहा, 'वो तो कहीं दावा ठोंक दे उनका कोई ठिकाना है। जब उन्होंने हमारे देश में आक्रमण किया हमारे देश में शासन किया तो मंदिरों के अतिरिक्त भी स्थान खाली पड़े थे अगर वो देश में खाली पड़े स्थानों पर अपनी मस्जिदों का निर्माण करते तो उन्हें कौन रोक सकता था। 600 साल, 400 साल 200 साल अंग्रेजों का राज रहा। अगर उस समय खाली जगहों पर मस्जिदें बनाई होती तो आज ये समस्या ही नहीं खड़ी होती। यदि हमारे प्राचीन स्थल हमें प्राप्त हो रहे हैं तो ये हमारा अधिकार है हम उसे वापस लेंगे लेना भी चाहिए। अब दावा तो कोई लोकसभा पर कर दे तो सरकार मानेगी क्या?'
जब वो वंदे मातरम नहीं बोलते तो वहां जाकर क्या करेंगे?
जब वो हिन्दू धर्म को मानते नहीं है वो भारत माता को वंदे मातरम नहीं बोलते हैं जब वंदे मातरम बोलने में उनको तकलीफ है तो वहां उनका क्या काम है? वहां तो लोग धर्म के द्वारा धर्म का संपादन करके गंगा स्ना करके अपने परंपरागत तीर्थ हैं उनमें जाकर के प्रणाम करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं। हमारे लिए तो वो यज्ञ है उन्हें न तो गंगा स्नान करना है न उन्हें वहां हनुमान जी के दर्शन करना है न त्रिवेणी के दर्शन करना है न आचमन करना है तो फिर उन्हें वहां किसलिए जाना है और क्यों जाना है?
गैर हिन्दुओं के महाकुंभ में प्रवेश वर्जित करने की बताई वजह
शंकराचार्य का कहना है कि महाकुंभ में हम गंगा स्नान करते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं, देवताओं का आह्वान करते हैं तो ऐसी जगह पर गैर हिंदुओं का जाने का कोई अर्थ नहीं है क्योंकि वह तो ना गंगा स्नान करते हैं ना हमारे देवी देवताओं का सम्मान करते हैं ऐसे में महाकुंभ में गैर हिंदुओं के जाने से कोई मतलब का नहीं है। इसके साथ-साथ शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा की मुगलों ने देश में राज किया और केवल हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों पर ही अपनी मस्जिद बनाई जबकि उस जमाने में तो मंदिरों के अलावा भी बहुत सारी भूमि उनके कब्जे में थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर मंदिरों को ही तोड़कर मस्जिद बनाई है ऐसे में अगर आज खुदाई हो रही है तो कोई गलत बात नहीं है क्योंकि हमारी परंपरा और संस्कृति उन्होंने मिटाने का काम किया। आज हमारे प्राचीन स्थल अगर हमको वापस मिल रहे हैं इसमें कोई गलत नहीं है यह हमारा अधिकार है।
अपडेटेड 15:51 IST, January 9th 2025