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Published 13:37 IST, November 12th 2024

EXCLUSIVE/ रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद हमारी नीति में क्या बदलाव आएगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब

India Economic Summit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि PM मोदी ऐसे नेता हैं, जो अपनी पूरी टीम को काम करने की हिम्मत और ताकत देते हैं।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
Finance Minister Nirmala Sitharaman | Image: R Bharat

Nirmala Sitharaman : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की नीतियों में बदलाव पर अपनी बात रखी है। निर्मला सीतारमण मंगलवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के 'इंडिया इकोनॉमिक समिट' में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि देखिए, ये सिर्फ यूक्रेन युद्ध नहीं है। यहां तक ​​कि कोई भी अन्य घटनाक्रम भी है जो घटित हुआ है और घटित होता रहता है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमें निर्णय लेने और रीसेट करने में निरंतर गतिशील रहना चाहिए।

'इंडिया इकोनॉमिक समिट' में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सिर्फ यूक्रेन युद्ध ही नहीं, बल्कि कई अन्य घटनाएं, जो लगातार घटित होती रहती हैं, हमें अपने निर्णय लेने में बहुत गतिशील बनाती हैं और हमें रीसेट करती रहती हैं। रीसेट एक सतत प्रक्रिया है और छोटे-छोटे चरणों में होती है। जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध के बारे में कहा, हम शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना चाहते हैं। हमने कभी आक्रामकता को बढ़ावा नहीं दिया।'

निर्मला सीतारमण ने PM मोदी की प्रशंसा की

निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम में से हर कोई आश्वस्त हो सकता है कि हमारे पास एक ऐसा विजन है, जिसने भारत को मुश्किल समय से निकाला है। एक ऐसा विजन है, जिसमें चुनौतियों को झेलने की प्रबल भावना है। PM मोदी ऐसे नेता हैं, जो अपनी पूरी टीम को काम करने की हिम्मत और ताकत देते हैं। सीतारमण ने कहा कि पीएम मोदी जैसे नेता अपने साथ काम करने वाले लोगों की एक टीम रखते हैं, जिससे आम नागरिकों को ये भरोसा मिलता है कि वो सुरक्षित हाथों में हैं। उस टीम में होना मेरे लिए सम्मान और विनम्रता का विषय है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के समिट में देश की आर्थिक प्रगति और लचीलेपन के बारे में मजबूत पर भी बात की। उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के भीतर निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में एक दुर्लभ और स्पष्ट जानकारी दी। सीतारमण ने बताया कि कोई भी निर्णय एक ही बैठक में नहीं लिया जाता है। ये चर्चा और परामर्श के दौर से गुजरता है। हर चरण में प्रधानमंत्री ने अपना होमवर्क किया है। वो बिना किसी व्यवधान के आपकी बात सुनते हैं और धैर्यपूर्वक ये सुनिश्चित करते हैं कि सभी दृष्टिकोणों पर विचार किया जाए।'

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Updated 13:37 IST, November 12th 2024

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