Published 07:59 IST, December 16th 2024
Farmers Protest: '18 दिसंबर को रेलों को जाम करना है...' किसानों का बड़ा ऐलान; आज ट्रैक्टर मार्च
Farmers Protest: तीन बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच विफल होने के बाद अब किसान नेताओं ने देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च और रेल रोको आंदोलन की योजना बनाई है।
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Farmers Protest: तीन बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच विफल होने के बाद अब किसान नेताओं ने देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च और रेल रोको आंदोलन की योजना बनाई है। 16 दिसंबर यानी आज पंजाब को छोड़कर पूरे देश में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, इसके बाद 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक देशभर में रेल सेवा रोकने की चेतावनी दी गई है। किसान नेता ने कहा है कि अगले दिल्ली कूच में हरियाणा के किसान और महिलाएं भी शामिल होंगी।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हर तबके को आंदोलन में शामिल होना चाहिए। प्लेटफॉर्म और रेल फाटकों पर ट्रेनें रोकने की अपील भी की है। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह खनौरी आमरण अनशन पर हैं, उनकी सेहत भी लगातार बिगड़ रही है। किसानों ने चेतावनी दी है कि देश में 50 प्रतिशत लोग खेती-किसानी से जुड़े हैं, उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
18 दिसंबर को 'रेल रोको' आंदोलन
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- 'मैं पंजाब के लोगों से 18 दिसंबर को 'रेल रोको' आंदोलन में भाग लेने की अपील करना चाहता हूं। हम पंजाब के सभी 13,000 गांवों के लोगों से अनुरोध करते हैं जो रेलवे पटरियों के पास रहते हैं कि वे अपने निकटतम रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों को 12 से 3 बजे तक अवरुद्ध करें।'
हर जगह रेलों को जाम करना है- किसान नेता
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम सभी तबकों को अपील करते हैं कि उठिए, 3 करोड़ पंजाबियों को चैलेंज है कि हर जगह रेलों को जाम करना है। ट्रेनें जाम वहां करनी हैं, जहां प्लेटफॉर्म और रेल का फाटक हो। हमारे देश में 50 फीसदी लोग खेती-किसानी से जुड़े हैं, आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हमारे किसान जगजीत सिंह खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी बिगड़ती सेहत सबके सामने है। उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
'संसद में क्यों नहीं उठा रहे किसानों का मुद्दा'
किसान नेता ने कहा कि विपक्ष को सिर्फ बयान देकर अपनी भूमिका से नहीं भागना चाहिए। उन्हें किसानों की मांगों को पूरा करने के एजेंडे पर प्रकाश डालना चाहिए। उन्हें रुकना चाहिए जैसे वे अन्य मुद्दों पर संसद को ठप कर रहे हैं, वैसे ही राहुल गांधी हमारे मुद्दे को संसद में नहीं उठा रहे हैं, जैसा उन्होंने हमें आश्वासन दिया था। जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है, तो संसद में कोई भी किसानों के लिए आवाज नहीं उठा रहा है।
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Updated 10:09 IST, December 16th 2024