Published 22:09 IST, December 11th 2024
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड चंदे से जुड़ी याचिका पर सीबीआई का रुख पूछा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड चंदे से जुड़ी याचिका पर सीबीआई का रुख पूछा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड के जरिए विभिन्न राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर अदालत की निगरानी में जांच कराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से अपना रुख बताने को कहा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह आरोपों की जांच नहीं कर रही, बल्कि उसने सीबीआई के वकील को निर्देश लेने को कहा है। उसने कहा कि कि याचिका सही भावना से दायर की गई प्रतीत नहीं होती तथा यह ऐसी जांच का अनुरोध करती है जो ‘‘मामले से संबंधित नहीं है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘आप चंदा देने के एवज में लाभ पहुंचाए जाने के आधार पर मामला खड़े कर रहे हैं। यह जांच मामले से संबंधित प्रतीत नहीं होती...यह एक ऐसी याचिका प्रतीत होती है जो सुनवाई योग्य नहीं है। यह प्रामाणिक नहीं लगती।’’
सीबीआई के वकील ने प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिका स्वीकार्य नहीं है।
अदालत ने सीबीआई के वकील से कहा, ‘‘याचिका का दायरा सीमित है। शिकायत की गई है। आप चाहें तो इसे खारिज कर दें। निर्देश लें। हम आपको यह नहीं बता रहे कि आप शिकायत से कैसे निपटेंगे।’’
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद हुए खुलासे के मद्देनजर जांच का आदेश देने का मामला बनता है और उन्होंने सीबीआई को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने का अदालत से आग्रह किया। अदालत ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया और आगे की सुनवाई के लिए अगले साल जनवरी की तारीख तय की।
याचिकाकर्ता सुदीप नारायण तमणकर ने दो अगस्त को उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के बाद 18 अप्रैल, 2024 को की गई उनकी शिकायत की सीबीआई द्वारा अदालत की निगरानी में जांच कराए जाने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है।
तमणकर ने अपनी याचिका में कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना की आड़ में कॉरपोरेट संस्थाओं और राजनीतिक दलों के बीच लेन-देन की व्यवस्था के लिए एक अपारदर्शी चुनावी वित्तपोषण किया गया।
Updated 22:09 IST, December 11th 2024