Published 14:29 IST, December 12th 2024
सभापति पर लगाए गए आक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण, ऐसे प्रस्तावों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाए- जेपी नड्डा
राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लगाए गए आरोपों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को ऐसे प्रयासों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लगाए गए आरोपों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को ऐसे प्रयासों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। उच्च सदन में उन्होंने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस की वरिष्ठ सदस्य सोनिया गांधी के कथित संबंधों का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि संबंधित आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने धनखड़ को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
उच्च सदन में सभापति धनखड़ की अनुमति से इन मुद्दों को उठाते हुए नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के बारे में बुधवार को किए गए संवाददाता सम्मेलन का उल्लेख किया और कहा कि नियमों के हिसाब से आसन पर न तो सवाल उठाया जा सकता है और न ही इसकी आलोचना की जा सकती है।
इस दौरान, विपक्षी सदस्यों की ओर से किए जा रहे हंगामे के बीच उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि कल विपक्ष के नेता खरगे जी... जो बहुत वरिष्ठ और तजुर्बेकार नेता हैं...ने एक संवाददाता सम्मेलन करके आसन की आलोचना की। यह बहुत ही आपत्तिजनक है। सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। यह गलत परंपरा को रास्ता दिखाता है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।’’
नड्डा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि सदन में उन्हें अवसर नहीं दिया जाता है जबकि सभापति ने कई बार नेता प्रतिपक्ष को अपने कक्ष में बुलाया लेकिन वह नहीं आए। उन्होंने कहा कि यहां तक कई बार आसन की ओर से उन्हें पत्र भी लिखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह बताता है कि प्रजातांत्रिक परंपराओं और व्यवस्थाओं में आपकी कितनी रुचि है। कितना आप उसका आदर करते हैं।’’
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडिल से सभापति को ‘चीयर लीडर’ तक कहा गया। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है। संवैधानिक पद को इस तरीके से निशाना बनाया जाना, संवैधानिक पद का इस तरीके से अपमान करने का जो यह कुत्सित प्रयास किया गया है, इससे प्रजातांत्रिक मूल्यों और संसदीय प्रणाली को धक्का पहुंचा है। भारत की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी।’’
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसद के परिसर में सभापति की मिमिक्री (नकल उतारा जाना) की गई और कांग्रेस के एक नेता उसका वीडियो बना रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को संवैधानिक व्यवस्थाओं में ना तो कोई रुचि है और ना ही संसदीय प्रणालियों के प्रति कोई सम्मान है।’’
सभापति के खिलाफ विपक्ष के नोटिस को नड्डा ने जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संबंधों के मुद्दे से भटकाने का प्रयास करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘देश जानना चाहता है कि इस सदन की कांग्रेस की वरिष्ठम नेता का जॉर्ज सोरोस से क्या संबंध है? सोनिया (गांधी) जी का क्या संबंध है सोरोस से।’’
नड्डा ने आरोप लगाया कि भारत को अस्थिर करने के लिए सोरोस अरबों रुपये चंदे के रूप में देता है और उसकी आवाज ‘कठपुतली बनकर’ कांग्रेस पार्टी यहां उठाती है और देश को अस्थिर करती है। नेता सदन ने सभापति के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए सदन में एक निंदा प्रस्ताव लाने की भी बात की।
सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया। इस समय सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। खरगे ने कहा कि नेता सदन ने जो बातें कही हैं वह मूल विषय को भटकाने का प्रयास है। हंगामा बढ़ते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
बाद ने नड्डा ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में भी इन मुद्दों का उठाया और आरोप लगाया कि विपक्षी दल संसद की कार्यवाही नहीं होने दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे को सदन में बोलने का पूरा मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, उन्हें चैंबर (सभापति कक्ष) में भी कई बार बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गए। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सदन में सहयोग करना नहीं चाहती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी जी का क्या संबंध है, ये आज पूरा देश जानना चाहता है। इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस इस तरह का प्रयास कर रही है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 14:29 IST, December 12th 2024