पब्लिश्ड 20:13 IST, December 17th 2024
'...इंदिरा जी को समर्पित', Emergency पर बोलते हुए अमित शाह ने सुनाईं दुष्यंत कुमार की पंक्तियां
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का अलग अंदाज देखने को मिला शायद ही किसी ने पहले कभी देखा होगा।
- भारत
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Amit Shah on Emergency : भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में खुलकर अपनी बात रखी। इस दौरान उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला जो शायद ही किसी ने पहले कभी देखा होगा। उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान आपातकाल पर हमला बोलते हुए कुछ लाइनें पढ़ीं। उनके इस अंदाज ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
शायर दुष्यंत कुमार की गजलें और शायरियां आज सड़क से संसद तक गूंजती हैं। इसी का एक नजारा आज राज्यसभा में देखने को मिला। गृहमंत्री अमित शाह ने 25 जून 1957 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल पर निशाना साधते हुए दुष्यंत कुमार की पंक्तियां पढ़ीं। उन्होंने कहा कि आज ही किसी शायर ने मुझे दुष्यंत कुमार की पंक्ति इमरजेंसी के लिए भेजी है जो मैं कहना चाहूंगा। उन्होंने कहा,
'एक गुड़िया की कई कठ-पुतलियों में जान है
आज शाइर ये तमाशा देख कर हैरान है।
कल नुमाइश में मिला वो चीथड़े पहने हुए
मैं ने पूछा नाम तो बोला कि हिंदुस्तान है।'
ये लाइन इंदिरा जी को समर्पित- शाह
इस पंक्ति को पढ़ने के बाद गृहमंत्री कहते हैं कि यह कविता दुष्यंत कुमार की लिखी हुई है जो इंदिरा गांधी को समर्पित है। उनके इतना बोलते ही सदन में बैठे सभी सांसद हंसने लगे।
शाह ने संविधान संशोधनों का किया जिक्र
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी सरकार के शासनकाल में किए गए संविधान संशोधनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान में पहला संशोधन नागरिकों के मूलभूत अधिकार में कटौती करने के लिए लाया गया था।
कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना
शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी के लोग चुनाव हारने के बाद ईवीएम को लेकर घूमते हैं कि ईवीएम ने हरा दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम संबंधी 24 अर्जियों को नकार दिया और निर्वाचन आयोग ने तीन दिन तक ईवीएम को हैक करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने कहा कि हाल में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो द्रोह जनादेश के साथ किया गया, उसका दंड महाराष्ट्र की जनता ने दिया। शाह ने कहा, 'उसी दिन वो (कांग्रेस) झारखंड में जीते। महाराष्ट्र में ईवीएम खराब है और झारखंड में टप्प से जाकर, नये कपड़े पहन कर शपथ ले ली। अरे भाई जरा तो शर्म करो, जनता देख रही है।'
उन्होंने देश में आपातकाल लगाए जाने और चुनी हुई सरकार को अनुच्छेद 356 लगाकर गिराने को लेकर कांग्रेस की जमकर आलोचना की।
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अपडेटेड 01:25 IST, December 18th 2024