Published 11:37 IST, July 18th 2024
Kargil War: 5 गोली खाकर काटी पाकिस्तानी मेजर की गर्दन, भारत के इस 'कोबरा' से थर्राया था दुश्मन
25 years Of Kargil War: कारगिल हीरो के नाम से विख्यात दिगेंद्र कुमार ने 5 गोलियां खाने के बावजूद पाकिस्तानी मेजर की गर्दन काटी।
Advertisement
25 Years Of Kargil War: 26 जुलाई 2024 को कारगिल युद्ध के 25 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पाकिस्तान के खिलाफ करीब 60 दिनों तक चली जंग में यूं तो कई भारतीय नायक हुए, लेकिन आज बात करेंगे उस हीरो की जिसे भारतीय सेना का 'कोबरा' कहा जाता था। जी हां, हम बात कर रहे हैं कमांडो दिगेंद्र कुमार (Comando Digendra Kumar) की जिन्होंने 5 गोली खोली खाकर भी लड़ाई जारी रखी और पाकिस्तानी मेजर का गर्दन काट दिया।
कारगिल हीरो के नाम से विख्यात दिगेंद्र कुमार की कहानी किसी फिल्म के हीरो से कम नहीं है। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी टीम के सहयोग से 48 पाकिस्तानी सैनिकों को मारकर ना सिर्फ देश को बड़ी कामयाबी दिलाई बल्कि पांच गोलियां लगने के बावजूद पाक मेजर की गर्दन काटते हुए 13 जून 1999 को तोलोलिंग की चोटी को फिर से फतह करते हुए वहां भारतीय तिरंगा शान से लहरा दिया।
Advertisement
तोलोलिंग की चोटी पर फहराया तिरंगा
1999 आते-आते नायक दिगेंद्र कुमार उर्फ कोबरा सेना के बेहतरीन कमांडो में गिने जाने लगे थे, लेकिन इसी साल 13 जून को जो हुआ उसने जीते जी दिगेंद्र कुमार को अमर कर दिया। उन्होंने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित तोलोलिंग की चोटी और पोस्ट जीता और उसपर तिरंगा फहराकर कारगिल युद्ध में भारत की पहली और महत्वपूर्ण जीत हासिल करवाई।
इस युद्ध के दौरान कमांडो दिगेंद्र कुमार को 5 गोलियां लगी, लेकिन वो नहीं रुके और अपने लक्ष्य तक पहुंचकर ही दम लिया। जब तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल मलिक ने दिगेंद्र से उनका प्लान पूछा था तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ''सर अभी अटैक करना है। हमें रस्सा चाहिए ताकि हम उसे बांधकर तोलोलिंग के ऊपर पीछे से चढ़ सके। इसके बाद जनरल मलिक ने कहा कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा? जवाब में कमांडो दिगेंद्र कुमार ने कहा कि सर ये काम मैं करूंगा।
Advertisement
पाकिस्तानी मेजर का काटा गर्दन
जनरल मलिक के आदेश के अनुसार नायक दिगेंद्र को घातक टीम का कमांडर बनाया गया। बर्फीली पहाड़ी और ठंड की कपकपाहट के साथ 12 जून को उन्होंने अपनी चढ़ाई पूरी की। पाकिस्तानी सेना ने वहां 11 बंकर बना रखे थे। जब दिगेंद्र पहला बनकर गिराने के लिए गए तो दुश्मन को इसकी भनक लग गई थी। उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इस दौरान उन्हें 4 गोलियां गली। फायरिंग के दौरान दिगेंद्र का AK-47 भी हाथ से छूट गया था। इसके बावजूद नायक दिगेंद्र ने अपनी सूझबूझ दिखाई और फौरन एक ग्रेनेड बंकर पर फेंक दिया।
दिगेंद्र कुमार और उनकी टीम ने 12 जून की रात में तोलोलिंग चोटी पर पाकिस्तान के 11 बंकर तबाह कर दिए। इस दौरान उनके ज्यादातर साथी बुरी तरह घायल हो गए थे। 13 जून की सुबह जब दिगेंद्र LMG लेकर पहाड़ी की तरफ बढ़ रहे थे तब रास्ते में उनका सामना पाकिस्तानी मेजर अनवर खान से हुआ। पाक मेजर ने दिगेंद्र की कमर के नीचे एक गोली मारी। इसके बाद अनवर खान की गोली खत्म हो गई, उसने दिगेंद्र पर झपट्टा मारा लेकिन भारतीय सेना के 'कोबरा' ने अपना खंजर निकालकर एक झटके में उसका गर्दन काट दिया।
Advertisement
इसे भी पढ़ें: EXPLAINER/ 25 Years of Kargil War:मिराज 2000 से Mig-27 तक...वायुसेना ने कैसे पाक सैनिकों को सुला दी मौत की नींद
Advertisement
08:02 IST, July 18th 2024