पब्लिश्ड 16:52 IST, January 24th 2025
RG Kar Rape Case: सीबीआई ने आरजी कर मामले में दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग के साथ हाईकोर्ट में अपील की
संजय रॉय को 9 अगस्त 2024 को आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या कर देने का दोषी पाया गया है।
- भारत
- 3 min read
RG Kar Rape Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर अस्पताल बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील की। रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग अधीनस्थ अदालत से खारिज हो जाने के बाद सीबीआई ने उच्च न्यायालय का रूख किया है। रॉय को नौ अगस्त, 2024 को आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या कर देने का दोषी पाया गया है।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वह 27 जनवरी को सीबीआई की अपील पर सुनवाई करेगी और साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार की उस प्रार्थना पर भी सुनवाई करेगी जिसमें इसी तरह की याचिका के साथ उसकी अपील को स्वीकार करने का अनुरोध किया गया है। उप सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने खंडपीठ के सामने इस मामले का उल्लेख करते हुए उससे सीबीआई की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया। सीबीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए मजूमदार ने कहा कि मामले की जांच कर चुकी इस केंद्रीय एजेंसी को सजा की अपर्याप्तता के आधार पर अधीनस्थ अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का अधिकार है।
20 अगस्त को संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिली
सियालदह की एक अधीनस्थ अदालत ने 20 अगस्त को रॉय को जीवन की आखिरी सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने 22 जनवरी को कहा था कि राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने/न करने पर निर्णय लेने से पहले वह सीबीआई, मृत चिकित्सक के परिवार वालों एवं दोषी का पक्ष सुनेगी। सीबीआई ने इस मामले में अपील करने के पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार का विरोध करते हुए यह दावा किया था कि चूंकि वह (सीबीआई) अभियोजन एजेंसी है, इसलिए सजा की अपर्याप्तता के आधार पर उसे ही अपील करने का अधिकार है।
महाधिवक्ता ने की थी फांसी की सजा की मांग
इससे पहले, रॉय के वास्ते मौत की सजा का अनुरोध करते हुए राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने उच्च न्यायालय से कहा था कि अभियुक्त को सुनायी गयी उम्रकैद की सजा अपर्याप्त है। उच्च न्यायालय से अपील को मंजूर करने का अनुरोध करते हुए दत्ता ने दावा किया था कि अभियोजन एजेंसी, मृत चिकित्सक के परिवार और अभियुक्त के अलावा राज्य भी अपर्याप्तता के आधार पर सजा को चुनौती दे सकता है।
दत्ता ने खंडपीठ से कहा था कि प्रारंभ में कोलकाता पुलिस ने इस बलात्कार-हत्याकांड की जांच की थी और बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त, 2024 को इसकी जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था। अधीनस्थ अदालत ने रॉय को मृत्युदंड दिए जाने के सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया था। सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं संत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने अपने फैसले में कहा था कि यह अपराध ‘दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता।
अपडेटेड 16:52 IST, January 24th 2025