पब्लिश्ड 17:38 IST, December 10th 2024
BREAKING: 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे किसान, शंभू बॉर्डर से पंढेर का बड़ा ऐलान; बताया पूरा प्लान
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के पास शंभू बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। अब 14 दिसंबर को राजधानी की ओर मार्च करेंगे।
- भारत
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Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के पास शंभू बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसानों का जत्था अब शनिवार को राजधानी की ओर मार्च करेगा।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार, 10 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 101 किसानों का जत्था 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेगा।
किसानों के प्रदर्शन को 303 दिन पूरे
पंढेर कहते हैं कि हमने (किसानों) सरकार को समय दिया था। सरकार में सत्ता का घमंड है। मोदी सरकार शुरू से किसानों से बातचीत नहीं करना चाहती है। हमारे ऊपर बल प्रयोग करके किसानों को क्षति पहुंचाना चाहती है। अब तक सरकार की ओर से बातचीत को लेकर किसी तरह का संदेश नहीं मिला है इसलिए हमने 14 दिसंबर को दिल्ली कूच का आह्वाहन किया है। 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रदर्शन को 303 दिन पूरे हो चुके हैं और आमरण अनशन 15वें दिन में पहुंच गया है। किसानों पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इनके मंत्री हमें तालिबानी और खालिस्तानी बोलते रहे हैं। हमें किसानों का मुखौटा बोला गया है। इस तरह के आरोप पहले भी लगते रहे हैं और अब भी लगेंगे।
शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने
गौरतलब है कि कई दिनों से शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस आमने-सामने हैं। पिछले हफ्ते में दो बार टकराव हो चुका है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ रहा है। रविवार को भी प्रदर्शन के दौरान कई किसान घायल हो गए। रविवार को 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने वाले 101 किसानों के जत्थे को प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते तनाव और चोटों के बाद वापस बुला लिया गया। किसान नेताओं ने पुष्टि की कि समूह को वापस बुलाने का निर्णय कई किसानों के घायल होने के बाद लिया गया, जिनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया है।
क्या है आंदोलनकारी किसानों की मांगें?
बता दें कि किसान मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी ना करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्हीं मांगों को लेकर किसान लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
अपडेटेड 18:12 IST, December 10th 2024