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Published 23:52 IST, December 16th 2024

'इस तरह तबला की लय अब कभी सुनाई नहीं देगी...' Shankar Mahadevan ने यूं किया जाकिर हुसैन को किया याद

प्रख्यात गायक एव संगीतकार शंकर महादेवन ने विश्व विख्यात तबला वादक जाकिर हुसैन को याद करते हुए उन्हें ज्ञान, विशेषज्ञता और मंचीय उपस्थिति का एक दुर्लभ संयोजन करा

Shankar Mahadevan | Image: Varinder Chawla

Shankar Mahadevan: प्रख्यात गायक एव संगीतकार शंकर महादेवन ने विश्व विख्यात तबला वादक जाकिर हुसैन को याद करते हुए उन्हें ज्ञान, विशेषज्ञता और मंचीय उपस्थिति का एक दुर्लभ संयोजन करार दिया। महादेवन अपने ‘शक्ति बैंड’ के साथी हुसैन को अपने संगीत करियर में ‘‘सबसे बड़ी प्रेरणा’’ के रूप में याद करते हैं।

भारतीय वाद्य यंत्र तबला को वैश्विक पहचान दिलाने वाले जाकिर हुसैन का सोमवार को सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में 73 साल की उम्र में निधन हो गया। महादेवन ने कहा कि इसी साल के शुरू में वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘दिस मोमेंट’ में सहयोग के लिए ग्रैमी पुरस्कार जीतने का जश्न मना रहे थे, जिसे सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम का पुरस्कार मिला था।

महादेवन (57) ने कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि जाकिर हुसैन चले गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया है जो मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा, एक शिक्षक और एक इंसान था जिसने मेरे संगीत को प्रभावित किया। उन्होंने मेरे संगीत करियर में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। वह दुनिया में सबसे महान थे।’’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने कभी इतनी संगीतात्मयी ताल देने वाला कलाकार नहीं देखा और ऐसा कोई दूसरा नहीं होगा। या तो ज्ञान होगा या विशेषज्ञता... किसी कलाकार के लिए इस क्षमता के साथ पैदा होना या ज्ञान, विशेषज्ञता और मंचीय उपस्थिति का एक साथ होना असंभव है। तबला कभी भी इस तरह की ध्वनि नहीं देगा।’’ संगीतकार ने कहा कि उन्होंने पहले ही भारत और संयुक्त अरब अमीरात में शो की योजना बना ली थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसी क्षति है जो लंबे समय तक महसूस की जाएगी, क्योंकि वह सक्रिय रूप से तबला बजा रहे थे और वह ऐसे संगीतकार नहीं थे जो ‘सेवानिवृत्त’ हो गया हो। हमने अगले महीने संगीत कार्यक्रम की योजना बनाई थी... ‘शक्ति’ का लाइव एल्बम अभी ‘मिक्स’ और ‘मास्टर’ किया जा रहा है और हम इसे जल्द ही रिलीज करने वाले थे।’’

महादेवन ने ‘शक्ति’ बैंड में उन्हें लाने का श्रेय हुसैन को दिया। उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें तबला वादक के साथ सहयोग करने और बड़े पैमाने पर उनके साथ विभिन्न स्थानों पर प्रस्तुति देने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ रहने, उनके साथ खाने और पल साझा करने का मौका मिला... उन्होंने हमें पिछले कुछ साल में इतना कुछ दिया है कि हम आने वाले वर्षों में इसका जश्न मना सकें।’’

‘शक्ति’ बैंड की स्थापना 1973 में जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल. शंकर, हुसैन और घाटम वादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम द्वारा की गई थी। मैकलॉघलिन और हुसैन ने 1997 में विनायकराम के बेटे और घाटम वादक वी सेल्वगणेश, मैंडोलिन वादक यू श्रीनिवास और महादेवन को ‘शक्ति’ में शामिल किया। महादेवन ने उन्हें याद करते हुए कहा कि हुसैन की तबला कला इतनी निपुण थी कि वह न केवल श्रोताओं को बल्कि बैंड के साथियों को भी आश्चर्यचकित कर देते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम 40 दिन में 30 संगीत कार्यक्रम करते थे। एक समय के बाद, यदि आप किसी व्यक्ति को बार-बार सुनते हैं, तो आप चीजों का अनुमान लगाने लगते हैं, लेकिन वह हमेशा मुझे आश्चर्यचकित करते थे... मेरा उनके साथ 30 वर्षों से अधिक समय से जुड़ाव है, जिसमें से 25 वर्षों में हमने बड़े पैमाने पर दौरा किया है।’’ महादेवन ने बताया कि हुसैन ने उन्हें, नीलाद्रि कुमार, सेल्वगणेश, यू श्रीनिवास और रंजीत बारोट जैसे संगीतकारों को उस समय प्रोत्साहित किया जब वे शुरुआत ही कर रहे थे।

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Updated 23:52 IST, December 16th 2024

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