Published 10:49 IST, October 9th 2024
Haryana Result: 2 दिग्गजों की तकरार से हरियाणा हारी कांग्रेस! 'दोस्ती' कराने में नाकाम राहुल गांधी
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। यहां भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से जीत गई है जबकि कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
- चुनाव
- 3 min read
Haryana Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। यहां भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से जीत गई है जबकि कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनावी नतीजे में जो हैरान करने वाली बात है वो ये कि सरकार विरोधी लहर के बीच सरकार विरोधी लहर के बावजूद भी बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया और सभी एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया।
इतना ही नहीं, खुद को किंगमेकर बताने वाली जेजेपी कहां गायब हुई पता ही नही चला। दुष्यंत चौटाला की तो जमानत ही जब्त हो गई। कांग्रेस इस हार को पचा नहीं पा रही है। आरोप-प्रत्यारोपों के बीच मंथन का भी दौर जारी है। अब सवाल ये उठता है कि जहां बंद आंखों से कांग्रेस हरियाणा में अपनी जीत देख रही थी, वहां इतनी बुरी हार कैसे हुई? इस हार के पीछे की वजह क्या है? तो आईए आपको कांग्रेस की हार के कुछ मुख्य वजहों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
ये हार है तकरार की! शैलजा Vs हुड्डा
कांग्रेस की हार के पीछे जो सबसे बड़ी वजह नजर आती है वो ये कि हरियाणा में पार्टी के दो बड़े चेहरों का आपसी तकरार। पार्टी के वरिष्ठ नेता और दलित चेहरा कुमारी शैलजा ने खुलेआम भूपेंद्र हुड्डा परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बावजूद इसके हुड्डा परिवार को दबदबा पार्टी में बना रहा, चाहे वो टिकट बंटवारे को लेकर हो या फिर चुनावी रणनीति की।
कुमारी शैलजा ने खुले तौर पर कह दिया कि हरियाणा में अगर कांग्रेस सरकार बनाती है तो वो सीएम पद की हकदार हैं। वहीं हुड्डा ने दबदबा दिखाते हुए ऐसा माहौल बनाया कि शैलजा को टिकट तक नहीं मिल पाया। बीजेपी ने बस इसी मुद्दे को भुना लिया। वो चुनावी सभाओं में कांग्रेस को दलित विराध साबित करने पर लग गई और एक हद तक साबित भी कर दिया। बीजेपी का कहना था कि कांग्रेस कभी दलितों का कल्याण नहीं कर सकती।
दिल मिलाने में कामयाब नहीं हो सके राहुल
मुख्मयंत्री पद की दौड़ में शामिल रही कुमारी सैलजा स्वयं भी उकलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस हाईकमान ने टिकट नहीं दिया। चुनाव नतीजों के बाद सैलजा ने अपनी इस पीड़ा को जाहिर भी किया। सैलजा करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने के खिलाफ थी, जो कांग्रेस की कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने हरियाणा दौरे के दौरान हालांकि सैलजा व हुड्डा के हाथ मिलवाए और दोनों के मनमुटाव दूर करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो सके।
मतों का बंटवारा रोकने में विफल
हरियाणा की करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर हार-जीत का अंतर करीब काफी कम रहा है। ऐसी सीटों पर इनेलो, जेजेपी, बसपा, आजाद समाजवादी पार्टी, आम आदम पार्टी ने कांग्रेस के वोट काट कर भाजपा को फायदा पहुंचाया है। कुछ सीटों पर बागियों ने भी खेल बिगाड़ा है।
Updated 10:49 IST, October 9th 2024