पब्लिश्ड 20:35 IST, April 7th 2024
Explainer: दुर्लभ क्यों है पूर्ण सूर्य ग्रहण, एक स्थान पर दोबारा दिखने में क्यों लग जाएंगे 400 साल?
Total Solar Eclipse: हर साल 2 से 5 सूर्य ग्रहण हो सकते हैं। किसी एक स्थान पर दोबारा पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखने में 400 साल लग जाते हैं।
Total Solar Eclipse: पूर्ण सूर्य ग्रहण सोमवार, 8 अप्रैल को लगने वाला है। यह मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा को पार करते हुए उत्तरी अमेरिका से गुजरेगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण काफी दुर्लभ माना जाता है। रॉयल म्यूजियम्स ग्रीनविच की मानें तो किसी एक साथ पर अगर पूर्ण सूर्यग्रहण दिख जाता है तो दोबारा उसी स्थान पर पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने में 400 साल लग जाते हैं।
क्या है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। चंद्रमा सूर्य की रोशनी को या तो पूरी तरह से रोकता है या आंशिक रूप से, जिसके कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में एक विशाल छाया बन जाती है। सूर्य ग्रहण 4 अलग-अलग तरह के होते हैं। इनमें पूर्ण सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और हाइब्रिड सूर्य ग्रहण शामिल हैं।
जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य की रोशनी को रोकता है तो उस समय चंद्रमा की छाया के केंद्र में स्थित क्षेत्र पूर्ण सूर्य ग्रहण देखते हैं। आसमान में अंधेरा छा जाता है और जो लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण के रास्ते में होते हैं उन्हें सूर्य के कोरोना यानी बाहरी वातावरण की एक झलक मिल सकती है, जो आमतौर पर सूर्य के उज्ज्वल चेहरे के कारण दिखाई नहीं देती है।
जब चंद्रमा सूर्य के सामने से गुजरता है लेकिन पृथ्वी से सबसे दूर बिंदु पर या उसके निकट होता है, तो वलयाकार सूर्य ग्रहण होता है। इसमें चंद्रमा सूर्य को इस प्रकार ढक लेता है कि केवल सूर्य की परिधि ही दिखाई देती है, जो रिंग ऑफ फायर जैसा दिखता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को रोक देता है, जिससे उसे अर्धचंद्राकार आकार मिल जाता है।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को सबसे दुर्लभ प्रकार का सूर्य ग्रहण माना जाता है। यह तब देखा जाता है जब चंद्रमा की छाया दुनिया भर में घूमने के दौरान एक वलयाकार और पूर्ण के बीच शिफ्ट होती रहती है। इस दौरान दुनिया के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखता है तो कुछ हिस्सों में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखता है।
दुर्लभ क्यों है पूर्ण सूर्य ग्रहण?
हर साल करीब 2 से 5 सूर्य ग्रहण हो सकते हैं, जबकि पूर्ण सूर्य ग्रहण हर 18 महीने में केवल एक बार ही लगता है। जैसा कि हमने पहले बताया, किसी एक क्षेत्र या स्थान पर पूर्ण सूर्य ग्रहण एक बार दिख जाए तो उसे दोबारा उसी स्थान पर दिखने में करीब 400 सालों का वक्त लग जाता है।
इसका कारण ये है कि पूर्ण ग्रहण केवल तभी दिखाई देता है जब कोई प्रच्छाया (Umbra) में खड़ा होता है। वहीं, छाया के दूसरे भाग को उपछाया (Penumbra) कहा जाता है, जो प्रच्छाया जितना अंधेरा नहीं होता है। प्रच्छाया बहुत छोटी होती है, जो पृथ्वी के केवल एक छोटे से हिस्से को कवर करती है। सूर्य ग्रहण के दौरान प्रच्छाया का पूरा रास्ता दुनिया के केवल एक प्रतिशत से भी कम हिस्से को कवर करेगा। यही कारण है कि एक समय में बहुत ही कम लोगों को पूर्ण ग्रहण देखने को मिलेगा।
इसके अलावा, दुनिया का लगभग 70 प्रतिशत हिस्से में पानी है और आधी भूमि रहने योग्य नहीं मानी जाती है। इसीलिए, ऐसा बहुत कम होता है जब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है और बहुत से लोग इसे देख पाते हैं।
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अपडेटेड 20:35 IST, April 7th 2024