पब्लिश्ड 00:10 IST, September 5th 2024
US ने ढूंढ़ निकाली रूस की परमाणु मिसाइल लॉन्च साइट, Burevestnik का नाम सुन कांपती है दुनिया
यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच अमेरिका ने रूस के परमाणु मिसाइल लॉन्च साइट का पता लगाया है। Burevestnik का नाम सुनकर दुनिया कांपती है।
- वर्ल्ड न्यूज़
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यूक्रेन और रूस में जारी जंग के बीच अमेरिका ने एक बड़े रहस्य का पता लगाया है। खास बात ये है कि इस जंग में ये रहस्य रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद करने में कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, दो अमेरिकी शोधकर्ताओं ने रूस जिस जगह से परमाणु मिसाइल लॉन्च करता है, उस साइट का पता लगा लिया है।
अमेरिकी रिसर्चर्स ने कहा है कि उन्होंने रूस में 9M730 बुरेवेस्टनिक की संभावित तैनाती स्थल की पहचान कर ली है, जो एक नई परमाणु ऊर्जा से चलने वाली, परमाणु हथियारों से लैस क्रूज मिसाइल है। बता दें, बुरेवेस्टनिक इतना खतरनाक है कि पूरी दुनिया इससे कांपती है। इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अजेय बताया नाम दिया था।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है, "हथियार - जिसे NATO ने SSC-X-9 स्काईफॉल नाम दिया है - की लगभग असीमित रेंज है और यह अमेरिकी मिसाइल सुरक्षा को चकमा दे सकता है।" हालांकि, पश्चिमी देशों के कुछ एक्सपर्ट्स राष्ट्रपति पुतिन के दावों और बुरेवेस्टनिक के रणनीतिक महत्व पर अलग विचार रखते हैं। उनका कहना है कि इससे मॉस्को में ऐसी क्षमताएं नहीं बढ़ेंगी जो पहले से मौजूद नहीं हैं और इससे विकिरण-विस्फोट दुर्घटना का जोखिम है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने 26 जुलाई को कमर्शियल सैटेलाइट फर्म, प्लैनेट लैब्स की ओर से ली गई कुछ तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए एक निर्माण परियोजना की पहचान की। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने इसे 9M370 ब्यूरवेस्टनिक मिसाइल की तैनाती वाले ठिकाना बताया। इसे दो नामों- वोलोग्दा-20 और चेबसारा के नाम से जाना जाता है। नई मिसाइल की संभावित तैनाती स्थल है। यह सुविधा मॉस्को से 295 मील (475 किमी) उत्तर में है।
मॉस्को से 475 किमी दूर है यह साइट
यह फैसिलिटी मॉस्को से 295 मील यानि 475 किमी उत्तर में स्थित है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनुसंधान और विश्लेषण संगठन के एक्सपर्ट डेकर एवेलेथ ने सैटेलाइट इमेजरी देखी और उनका अनुमान है कि ये निर्माणाधीन नौ क्षैतिज लॉन्च पैड हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हमले से बचाने के लिए या किसी एक में आकस्मिक विस्फोट से अन्य में मिसाइलों के विस्फोट को रोकने के लिए उच्च बर्म के अंदर तीन समूहों में रखा गया है।
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अपडेटेड 00:10 IST, September 5th 2024