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Published 16:28 IST, April 19th 2024

Israel ने Iran से बदला लेने के लिए Isfahan को ही क्यों चुना? जानिए सेना के लिए क्यों अहम है ये शहर

Iran-Israel Attack: इजरायल ने ईरान से बदला लेने के लिए Isfahan पर हमला किया।

Israel ने Iran से बदला लेने के लिए Isfahan को ही क्यों चुना? | Image: Republic/AP

Iran-Israel Attack: इजरायल ने ईरान से बदला लेने के लिए Isfahan पर हमला किया, या यों कहें कि इजरायल ने इतने दिनों तक सोच-समझकर सीधे ईरान के 'दिमाग' पर वार किया।

आपको बता दें कि इस्फहान ईरान के सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक शहरों में से एक है, जो अपनी खूबसूरत फिरोजा और बैंगनी टाइल वाली मस्जिदों, सुरम्य मेहराबदार पुलों और ग्रैंड बाजार के लिए जाना जाता है। हालांकि, इस शहर की वो कौन-सी बात है जो इसे सबसे अहम बनाती है, जिसके कारण इजरायल ने इसी शहर को बदला लेने के लिए सबसे परफेक्ट समझा। आइए समझते हैं।

Photo: AP

इस्फहान शहर की खासियत

इस्फहान शहर में करीब 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इसके इतिहास पर नजर डालें तो 17वीं शताब्दी की शुरुआत में सफाविद राजवंश के शाह अब्बास प्रथम, जिन्हें अब्बास महान के नाम से जाना जाता था, ने इस्फहान में एक शोपीस बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने देश की सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों का निर्माण किया, जिसमें प्याज के आकार के गुंबदों से ढकी आश्चर्यजनक इमाम मस्जिद और अली कापू पैलेस शामिल हैं। शाह अब्बास और उनके बेटे ने जायंडेरुड नदी पर पुल भी बनवाया, जिसका पानी महल और मस्जिदों के बाहर के फव्वारों में भर जाता था और उनके बगीचों को सिंचित करता था।

इस शहर की सबसे अहम बात ये है कि इस्फहान ईरान के लिए मिसाइल प्रोडक्शन, अनुसंधान और विकास का केंद्र भी है। इसमें शहाब मध्यम दूरी की मिसाइलों की असेंबली शामिल है, जो इजरायल और उससे आगे तक पहुंच सकती है। यह चार छोटी परमाणु अनुसंधान सुविधाओं का स्थल है, जिनकी आपूर्ति कई साल पहले चीन द्वारा की गई थी। आपको बता दें कि नटान्ज यूरेनियम संवर्धन स्थल भी इस्फहान प्रांत में है। साथ ही एक एयर बेस भी है जिसने लंबे समय से ईरान के अमेरिकी निर्मित एफ -14 टॉमकैट्स के बेड़े की मेजबानी की है, जिसे 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदा गया था। इससे पहले जनवरी, 2023 में भी इजरायल ने इसी शहर पर ड्रोन अटैक किए थे।

ऐसे में इस शहर को इजरायली हमले के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जा सकता है। इजरायल ने पहले ही कहा था कि वो ईरान को बस ये दिखाना चाहता है कि वो जब भी उसके ठिकानों पर हमला करे, तब-तब ईरान को इजरायल पर हमला करने की आजादी नहीं मिल जाती और इजरायल ईरान को केवल ये चेतावनी देना चाहता था कि अगर दोबारा ऐसा हमला हुआ तो इजरायल क्या-क्या कर सकता है।

Photo: AP

हमले को लेकर ईरान ने क्या कहा?

ईरान ने इस बात को छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया कि हमला हुआ था लेकिन उसने कहा कि इससे बहुत कम नुकसान हुआ है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी, IRNA ने बताया कि ड्रोन ने गोला-बारूद निर्माण संयंत्र को निशाना बनाया था और उन्हें सतह से हवा में मार करने वाले डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया था।

आपको बता दें कि अमेरिकी मीडिया की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ईरान के एयरपोर्ट पर तेज धमाके की आवाज सुनी गई। ईरानी मीडिया ने इसकी पुष्टि भी की। ईरान के शहर इस्फहान के पास धमाके की ये आवाज सुनी गई थी। इस बीच तेहरान से सभी फ्लाइटों को रद्द कर दिया गया है।

इससे पहले 13 अप्रैल की देर रात को ईरान ने इजरायल के ऊपर करीब 300 ड्रोन और मिसाइलें दागी। हालांकि, इस हमले में ईरान के हाथ नाकामी ही लगी। इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि हम ईरान को किसी कीमत पर माफ नहीं करेंगे और अपने समय और तरीके से इसका बदला लेंगे।

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Updated 16:28 IST, April 19th 2024

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