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पब्लिश्ड 17:35 IST, December 30th 2024

महिलाओं के लिए 'जहन्नुम' बनता जा रहा अफगानिस्तान! बोलने और पढ़ने पर रोक के बाद तालिबान का नया फरमान; नौकरी पर भी पाबंदी

तालिबान की दकियानूसी का पता उसके नए फरमान से चलता है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय, विदेशी NGO को बंद कर देगा

तालिबान का नया फरमान | Image: AP

15 अगस्त, 2021 ये वो तारीख है जब तालिबान ने अफगानिस्तान की हुकूमत अपने हाथों में ली थी। सत्ता पर तालिबान का कंट्रोल आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा था। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी के बाद महिलाओं के लिए जीना बड़ा मुश्किल हो गया है।

अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज ने करीब 20 सालों तक मोर्चा संभाला हुआ था। जब अमेरिकी फौज वापस लौटी तो तालिबान ने महिलाओं के हक की बात करते हुए सत्ता संभाली थी। लेकिन सत्ता में वापसी के बाद उसकी बात 'ढाक के तीन पात' साबित हुई। सत्ता में आने के बाद एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए जो महिलाओं की आजादी पर पाबंदी लगाते हैं। अफगान महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बोलने पर बैन, चेहरा दिखाने पर बैन, अकेले यात्रा करने पर बैन, होटल-रेस्तरां में खाने पर रोक और शिक्षा का अधिकार छिनने के बाद अब सभी NGO को महिलाओं को नौकरी नहीं देने की चेतावनी दी है।

तालिबान NGO करेगा बैन

तालिबान ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय और विदेशी गैर-सरकारी समूहों (NGO) को बंद कर देगा। तालिबान ने दो साल पहले सभी NGO को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था, जिसके बाद उसका यह कदम सामने आया है। तालिबान ने यह कदम कथित तौर पर इसलिए उठाया है क्योंकि उसका कहना है कि महिलाएं इस्लामी हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती हैं।

रविवार रात को वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी कि हालिया आदेश का पालन नहीं करने पर ऐसे NGO को अफगानिस्तान में काम करने का लाइसेंस खोना पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय और विदेशी संगठनों के पंजीकरण, समन्वय, नेतृत्व और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार है। सरकार एक बार फिर तालिबान के नियंत्रण से बाहर के संस्थानों में महिलाओं के हर तरह के कामकाज को बंद करने का आदेश दिया है। सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में उस संस्था की सभी गतिविधियां रद्द कर दी जाएंगी और मंत्रालय द्वारा दिया गया संस्था का गतिविधि लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।

शिक्षा का अधिकार छीना

तालिबान पहले ही कई नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी और अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर उनकी मौजूदगी को लेकर पाबंदी लगा चुका है। तालिबान ने महिलाओं को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से भी वंचित कर दिया है। तालिबानियों ने महिलाओं को माध्यमिक विद्यालय से आगे की पढ़ाई करने पर रोक लगाई है। तालिबान के इस फैसले ने वहां की महिलाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा के आखिरी दरवाजे को भी बंद कर दिया।

सार्वजनिक जगहों पर बोलने पर बैन

बता दें कि इससे पहले अगस्त, 2024 को तालिबानी सरकार ने तानाशाही फैसला लेते हुए महिलाओं से सार्वजनिक जगहों पर बोलने की आजादी छीन ली थी। इसके अलावा उन्हें चेहरा ढकने को भी कहा गया। तालिबानी सरकार के मंत्रालय ने इस फैसले को शरिया कानून के तहत सही ठहराया था।

ये भी पढ़ें: संभल मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाने पर ओवैसी को लगी मिर्ची, सरकार पर उठाए सवाल, कहा- मुस्लिम इलाकों में क्यों नहीं...

अपडेटेड 17:35 IST, December 30th 2024

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