पब्लिश्ड 23:52 IST, January 6th 2025
रेप पीड़िता का नाम लीक: न्यायालय का झारखंड के मंत्री की याचिका पर सुनवाई से इनकार
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को झारखंड के एक मंत्री की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें उनकी ओर से कथित तौर पर एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने के बाद शुरू किये गये आपराधिक मुकदमे को रद्द करने का अनुरोध किया है।
- भारत
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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को झारखंड के एक मंत्री की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें उनकी ओर से कथित तौर पर एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने के बाद शुरू किये गये आपराधिक मुकदमे को रद्द करने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मंत्री इरफान अंसारी के आचरण की आलोचना की और कहा, ‘‘आप हर चीज के लिए प्रचार चाहते हैं? यह केवल प्रचार के लिए था। कानून के तहत अनिवार्य जरूरतों का पालन नहीं किया गया।’’
पीठ ने कहा कि राजनेता अस्पताल में जीवित बचे व्यक्ति से मिलने के लिए या तो अकेले जा सकते थे, या अपने साथ एक व्यक्ति को ले जा सकते थे। पीठ ने कहा, ‘‘समर्थकों के साथ जाने की कोई जरूरत नहीं थी। यह केवल प्रचार के लिए था।’’
अदालत के मिजाज को भांपते हुए अंसारी के वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी और अदालत ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी। अंसारी ने झारखंड उच्च न्यायालय के छह सितंबर, 2024 के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें उसने भारतीय दंड संहिता और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप तय करने के दुमका अदालत के 21 नवंबर, 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था। जामताड़ा विधायक और उनके समर्थकों ने 28 अक्टूबर, 2018 को पीड़िता और उसके परिवार के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक अस्पताल का दौरा किया और कथित तौर पर उसका नाम, पता और तस्वीरें मीडिया के साथ साझा की थीं।
अपडेटेड 23:52 IST, January 6th 2025