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Published 18:59 IST, August 23rd 2024

EXPLAINER/ क्या है 'भीष्म क्यूब' जिसे PM मोदी ने जेलेंस्की को किया गिफ्ट? युद्ध में बनेगा गेम चेंजर!

PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूक्रेन को चिकित्सा सहायता का भीष्म क्यूब सौंपा।

Reported by: Kunal Verma
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PM Modi Meets Zelenskyy | Image: Republic Digital

PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूक्रेन को चिकित्सा सहायता का भीष्म क्यूब सौंपा। आपको बता दें कि भीष्म क्यूब भारत निर्मित एक मोबाइल हॉस्पिटल है, जिसका निर्माण आपदा प्रभावित इलाकों में त्वारित मेडिकल सहायता प्रदान करने के लिए किया गया है।

इससे पहले यूक्रेन राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की बातचीत करते हुए दिखे। वॉर जोन में पहुंचे पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को अपने गले लगाया और उनके कंधे पर हाथ रखकर बात करते रहे। आपको बता दें कि इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेलेंस्की ने 4 अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं।

क्या है 'भीष्म क्यूब'?

भीष्म क्यूब एक उन्नत मोबाइल अस्पताल इकाई है जिसे "प्रोजेक्ट भीष्म" - सहयोग, हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल के तहत विकसित किया गया है। फरवरी 2022 में घोषित यह परियोजना वैश्विक मानवीय प्रयासों में देश की बढ़ती भूमिका को दर्शाते हुए आपदाग्रस्त क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करने के लिए है।

भीष्म क्यूब आधुनिक चिकित्सा इंजीनियरिंग का एक चमत्कार माना जा सकता है, जिसे त्वरित प्रतिक्रिया और व्यापक देखभाल पर ध्यान देने के साथ 200 हताहतों को संभालने के लिए तैयार किया गया है। इसका वजन 720 किलोग्राम है।

आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना ने मई 2024 में आगरा के मालपुरा ड्रॉपिंग जोन में भीष्म क्यूब की तैनाती का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। आगरा स्थित एयर डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट द्वारा विकसित विशेष रूप से डिजाइन किए गए पैराशूट का उपयोग करके क्यूब को 1,500 फीट की ऊंचाई से हवा में गिराया गया था। आपको बता दें कि लैंडिंग के बाद महज 12 मिनट के अंदर अस्पताल चालू हो सकता है।

प्रोजेक्ट की कीमत करीब 1.5 करोड़ प्रति यूनिट

इस प्रोजेक्ट की कीमत करीब 1.5 करोड़ प्रति यूनिट है। सोलर पावर और बैटरी का इस्तेमाल कर इसकी ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाा भी जा सकता है। इसके अलावा, भीष्म सॉफ्टवेयर सिस्टम, जिसे टैबलेट के जरिए एक्सेस किया जा सकता है, को चीजों को आसानी से ढूंढने, उसकी एक्सपाइरी डेट और यूजेज को ट्रैक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि पता लग सके वो आगे के मिशन के लिए तैयार है।

इन हल्के भार के क्यूब, प्रत्येक 20 किलो भार से नीचे, को आसानी से एक किलोमीटर तक हाथों में ले जाया जा सकता है। इससे किसी भी आपदाग्रस्त इलाकों में इसकी त्वरित तैनाती की जा सकती है। हर मास्टर क्यूब में 36 छोटे- छोटे क्यूब होते हैं, जिसमें एडवांस टूल्स भी मौजूद रहते हैं ताकि मेडिकल इमरजेंसी में रिस्पांस को तेज किया जा सके।

'भीष्म क्यूब' कैसे बनेगा गेम चेंजर?

भीष्म क्यूब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करता है, जिससे वास्तविक समय की निगरानी, ​​​​प्रभावी समन्वय और क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं के कुशल प्रबंधन की सुविधा मिलती है। यह उन्नत तकनीक उनके उपयोग और समाप्ति सहित चिकित्सा आपूर्ति की सटीक ट्रैकिंग की अनुमति देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यूनिट बाद की तैनाती के लिए हमेशा तैयार है। RFID-टैग किए गए उपकरणों का समावेश क्यूब की परिचालन दक्षता को और बढ़ाता है, जिससे त्वरित रीपैकेजिंग और पुन: तैनाती सक्षम हो जाती है।

ये भी पढ़ेंः PM मोदी के कीव दौरे में जेलेंस्की के लिए क्या है... US मीडिया में पुतिन से 'दोस्ती' का जिक्र क्यों?

Updated 19:00 IST, August 23rd 2024

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