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Published 14:50 IST, September 20th 2024

पाकिस्तान अदालत ने ईशनिंदा के मामले में ईसाई समुदाय की महिला को दिया मृत्युदंड

पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला को मृत्युदंड दिया। सितंबर 2020 में व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री साझा करने की आरोपी शौगता कैरन के खिलाफ ईशनिंदा का एक मामला दर्ज किया गया था।

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Pakistan court gives death sentence to Christian woman in blasphemy case | Image: Freepik

पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला को मृत्युदंड दिया। सितंबर 2020 में व्हाट्सऐप ग्रुप पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक सामग्री साझा करने की आरोपी शौगता कैरन के खिलाफ ईशनिंदा का एक मामला दर्ज किया गया था।

यहां की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश अफजल मजूका ने सुनवाई के बाद कैरन को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 सी के तहत दोषी पाया, जिसमें मृत्युदंड का प्रावधान है। अदालत ने कैरन पर 3,00,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

इसके अलावा अदालत ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक क्राइम अधिनियम (पीईसीए) की धारा 11 के तहत महिला को सात साल जेल की सजा सुनाई और 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा कि दोषी को 30 दिन के भीतर फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का अधिकार है।

न्यायाधीश मजूका ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही सजा की तामील की जाएगी। कैरन पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम धर्म के अपमान के मामले में मृत्युदंड पाने वाली दूसरी ईसाई महिला हैं।

इससे पहले आसिया बीबी को ईशनिंदा के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी और वह आठ साल जेल में बंद रहीं। लेकिन उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन्हें अक्टूबर 2018 में बरी कर दिया था। बरी होने के बाद बीबी अपने परिवार के साथ कनाडा चली गईं।

 

Updated 14:50 IST, September 20th 2024

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