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Published 08:45 IST, February 21st 2024

ISRO के एस्ट्रोसैट ने ‘एक्स-रे बाइनरी’ प्रणाली के रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिकों की मदद की

भारत की पहली समर्पित अंतरिक्ष खगोल विज्ञान वेधशाला एस्ट्रोसैट ने ‘एक्स-रे बाइनरी’ प्रणाली के रहस्यों को सुलझाने में वैज्ञानिकों की मदद की।

ISRO चीफ एस सोमनाथ | Image: PTI

भारत की पहली समर्पित अंतरिक्ष खगोल विज्ञान वेधशाला एस्ट्रोसैट ने ‘मैक्सी जे1820 प्लस 070’ नाम की ‘एक्स-रे बाइनरी’ प्रणाली के आसपास के रहस्यों को सुलझाने में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम की मदद की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को यह बात कही।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, एक्स-रे बायनरीज़ सामान्य तारा और नष्ट हुए तारे से बने होते हैं, जो एक सफेद बौना, न्यूट्रॉन तारा या एक ब्लैक होल हो सकता है।

मैक्सी जे1820+070 कम द्रव्यमान वाला ‘एक्स-रे बाइनरी’ है जिसमें एक ब्लैक होल एक सुगठित वस्तु के रूप में होता है।

इसरो ने कहा कि एस्ट्रोसैट ने ‘मैक्सी जे1820+070’ नाम की ‘एक्स-रे बाइनरी’ प्रणाली के आसपास के रहस्यों को सुलझाने में वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम की मदद की है।

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 08:45 IST, February 21st 2024

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