Published 00:00 IST, September 18th 2024
पहले जैसा नहीं रहा इंटरनेट, हम कैसे यहां तक आ गए और क्या वापस जा सकते हैं?
साइबर अपराधी और स्कैमर जैसे कारण ऑनलाइन तौर पर एक स्थायी समस्या बन रहे हैं। एआई जैसी तकनीक से डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग बनाने में सक्षम हुए हैं।
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जब इंटरनेट को लेकर हमारे अनुभव की बात आती है, तो कुछ लोगों के लिए यह पहले की तुलना में कम मजेदार और कम जानकारी वाला माध्यम रह गया है। वहीं कुछ लोगों के लिए ऑनलाइन खोज पर ‘कुकी कटर’ पेज उपयोगी जानकारी को दबा देते हैं जिनमें धोखाधड़ी, स्पैम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा उत्पन्न सामग्री भरी होती है।
आपकी सोशल मीडिया विषय-वस्तु आकर्षक, उत्तेजक, या क्रोध पैदा करने वाली सामग्री से भरी होती है। हम यहां कैसे पहुंचे? और क्या हम अपना रास्ता वापस पा सकते हैं?
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व्यावसायिक हित हावी हैं
इंटरनेट की वर्तमान स्थिति में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक इसका अति-व्यावसायीकरण है। अधिकांश सामग्री वित्तीय उद्देश्य से संचालित होती हैं। यकीनन इससे सनसनीखेज सामग्री के प्रचलन को बढ़ावा मिला है, जिसमें सूचना की गुणवत्ता से ज्यादा प्राथमिकता इसके वायरल होने की प्रवृत्ति को मिलती है। व्यापक रूप से प्रसारित गुप्त और भ्रामक विज्ञापन अधिक ध्यान आकर्षित करने के लिए वाणिज्यिक तथा गैर-वाणिज्यिक सामग्री के बीच की रेखा को धुंधला कर देते हैं।
एक और कारक है गूगल, मेटा और अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियों का प्रभुत्व होना। ये दुनिया भर में अरबों लोगों तक पहुंचती हैं और हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली सामग्री पर बहुत अधिक प्रभुत्व रखती हैं। इन कंपनियों के मंच व्यापक उपयोगकर्ता डेटा द्वारा संचालित हाइपर-लक्षित मीडिया सामग्री उत्पन्न करने के लिए उन्नत ट्रैकिंग तकनीकों और अपारदर्शी एल्गोरिद्म का उपयोग करते हैं।
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इससे उपयोगकर्ता सीमित सामग्री के संपर्क में आते हैं जो उनकी मौजूदा मान्यताओं और पूर्वाग्रहों को पुष्ट करती हैं। साइबर अपराधी और स्कैमर जैसे कारक भी ऑनलाइन तौर पर एक स्थायी समस्या बन रहे हैं। हालांकि, ‘जनरेटिव एआई’ जैसी विकसित तकनीक ने उन्हें और सशक्त बनाया है, जिससे वे अत्यधिक यथार्थवादी नकली चित्र, डीपफेक वीडियो और वॉयस क्लोनिंग बनाने में सक्षम हुए हैं।
सामग्री निर्माण को स्वचालित करने की एआई की क्षमता ने भी इंटरनेट को अभूतपूर्व पैमाने पर कम गुणवत्ता वाली, भ्रामक और हानिकारक सामग्री से भर दिया है। संक्षेप में कहें तो, इंटरनेट के त्वरित व्यावसायीकरण, मीडिया तकनीक कंपनियों का प्रभुत्व और प्रतिकूल कारकों की मौजूदगी ने इंटरनेट पर सामग्री में घुसपैठ कर ली है। एआई इसे और बढ़ावा देता है तथा इंटरनेट में पहले से कहीं अधिक उथल-पुथल पैदा करता है।
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इंटरनेट की अच्छाइयां
तो, वह ‘अच्छा इंटरनेट’ क्या था जिसके लिए हम सभी के पास कुछ अच्छी यादें हैं। शुरू में, इंटरनेट का मतलब एक मुक्त समतावादी स्थान होना था जहां ‘सर्फ’ और ‘ब्राउज’ करना ही एक काम था। तमाम तरह के फिल्टर आने से पहले, इंटरनेट एक रचनात्मक क्षेत्र था जहां लोग अलग-अलग विचारों की खोज करते थे, अलग-अलग दृष्टिकोणों पर चर्चा करते थे और उनके सामाजिक दायरे से बाहर के या विपरीत विचार वाले दूसरे समूहों के लोगों के साथ सहयोग करते थे।
शुरुआती सोशल मीडिया मंच पुराने सहपाठियों और परिवार के सदस्यों के साथ फिर से जुड़ने के विचार के आधार पर बनाए गए थे। हममें से कई लोग इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामुदायिक समूहों, परिचितों और परिवार के सदस्यों से जुड़े रहते हैं। इंटरनेट का ‘कनेक्शन’ का पहलू भी हमेशा की तरह महत्वपूर्ण बना हुआ है, जैसा कि हम सभी ने कोविड महामारी के दौरान देखा।
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क्या हम कभी वापस जा सकते हैं?
हम बदलते समय को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम जितना संभव हो उतना अच्छा हिस्सा रख सकते हैं। प्रौद्योगिकी के उपयोगकर्ताओं के रूप में, हम सभी को अपनी गोपनीयता और ज्ञान के सामने खतरों के बारे में सतर्क रहना चाहिए।
00:00 IST, September 18th 2024