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Published 14:05 IST, December 3rd 2024

फर्जीवाड़े पर उतरी चीनी कंपनियां तो मोदी सरकार का एक्शन, 2 पर भारत में बैन, आप से जुड़ा है प्रोडक्ट

देश में लिथियम बैटरी इंपोर्ट करने वाली दो बड़ी कंपनियों के खिलाफ भारत सरकार ने कार्रवाई की है। वहीं तीसरी कंपनी की जांच की जा रही है।

Reported by: Digital Desk
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Power Bank | Image: Pixabay
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2 Chinese Company Ban: देश में लिथियम बैटरी इंपोर्ट करने वाली दो बड़ी कंपनियों के खिलाफ भारत सरकार ने कार्रवाई की है। वहीं तीसरी कंपनी की जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, चीन से आने वाली खराब क्वालिटी के पावर बैंकों की बढ़ती बिक्री की वजह से यह फैसला लिया गया है।

बताया जा रहा है कि चीन से इंपोर्टेड पावर बैंक में जितनी कैपेसिटी का दावा किया जाता है उतनी कैपेसिटी नहीं होती है। बल्कि बताई गई कैपेसिटी से आधी या उससे भी काफी कम की होती है।

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मार्केट में कॉम्पिटीशन नहीं, ग्राहकों को नुकसान और...

वहीं भारतीय कंपनी इन्हें सस्ते में खरीद कर मंहगे दामों पर बेच देती हैं। इसकी वजह से मार्केट में अच्छा कॉम्पिटीशन नहीं हो पाता। इतना ही नहीं ग्राहकों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी बैटरी सप्लायर्स, Ganzhou Novel Battery Technology और Guangdong Cvasun New Energy Technology का रजिस्ट्रेशन BIS की ओर से रद्द कर दिया गया है। यह दोनों कंपनियां भारत में इस्तेमाल होने वाली आधी से ज्यादा लिथियम बैटरियां सप्लाई करती थीं।

इन दो कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द

इन दोनों कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने के बाद एक तीसरी कंपनी Ganzhou TaoYuan New Energy की भी जांच की जा रही है। इस कंपनी की ओर से सप्लाई हो रहे प्रोडक्ट में खामियां मिलने पर इसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।

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खराब क्वालिटी के पावर बैंक बेचने पर कार्रवाई

सरकार ने कुछ पावर बैंक सप्लायर्स पर कार्रवाई की है, क्योंकि उन्होंने खराब क्वालिटी के पावर बैंक बेचे हैं। जांच में पाया गया है कि ये पावर बैंक अपनी वास्तविक क्षमता से बहुत कम क्षमता वाले हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ पावर बैंक 10,000 mAh की क्षमता का दावा करते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी क्षमता सिर्फ 4,000 से 5,000 mAh होती है। ये कंपनियां BIS को कुछ अच्छे पावर बैंक भेजती थीं, ताकि उन्हें मान्यता मिल जाए और वे अपने पावर बैंक को 10,000 mAh का बता सकें।

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लेकिन वास्तव में, ये कंपनियां भारत में कम क्वालिटी वाले पावर बैंक बेच रही थीं। इन पावर बैंकों की असली क्षमता आधी या उससे भी कम होती थी। इससे ग्राहकों को नुकसान होता था, क्योंकि वे ज्यादा पैसे देकर कम क्वालिटी का प्रोडक्ट खरीद रहे थे। ऐसे में इन कम दामों वाली बैटरियों की वजह से कम कम जाने-माने ब्रांड्स के पावर बैंक भी सस्ते हो गए हैं। एक अच्छे ब्रांड का 10,000 mAh का पावर बैंक 1000 रुपये से ज्यादा का हो सकता है, लेकिन कई सस्ते ऑप्शन 600 रुपये से कम तक में आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि इन सस्ते पावर बैंकों की असली क्षमता पर अब सवाल उठ रहे हैं।

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Updated 14:05 IST, December 3rd 2024