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Published 14:03 IST, August 18th 2024

पेरिस ओलंपिक से वापस लौटने के बाद बोलीं विनेश फोगाट-हमारी लड़ाई जारी रहेगी, सच्चाई की जीत होगी

विनेश फोगाट ने कहा है कि भारतीय कुश्ती की बेहतरी के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और उम्मीद जताई कि सच्चाई की जीत होगी।

Vinesh Phogat said after returning from Paris Olympics Our fight will continue truth will prevail | Image: PTI

पेरिस ओलंपिक से स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत से अभिभूत पहलवान विनेश फोगाट ने कहा है कि भारतीय कुश्ती की बेहतरी के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और उम्मीद जताई कि सच्चाई की जीत होगी।

ओलंपिक में 50 किग्रा फाइनल में पहुंचने के बाद अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित की गईं विनेश का शनिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। विनेश ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी लेकिन उसके तदर्थ प्रभाग ने उसे खारिज कर दिया था।

दिल्ली से अपने पैतृक गांव बलाली तक के रास्ते में विनेश को उनके समर्थकों और खाप पंचायतों ने सम्मानित किया। उन्हें 135 किलोमीटर की दूरी पूरी करने में लगभग 13 घंटे का समय लगा। वह मध्य रात्रि के समय अपने गांव पहुंची। गांव वालों ने उनका पूरा उत्साह के साथ स्वागत किया।

पेरिस से यहां तक के लंबे सफर के कारण विनेश काफी थक गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रशंसकों को संबोधित किया। विनेश ने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। लड़ाई जारी रहेगी और मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि सच्चाई की जीत होगी।’’

विनेश और उनके साथी ओलंपियन बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर डब्ल्यूएफआई और उसके पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक साल से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विनेश सहित छह पहलवान पिछले साल डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।

विनेश ने यह भी कहा कि उनका जिस तरह से शानदार स्वागत किया गया उससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। इस 29 वर्षीय पहलवान ने कहा,‘‘मुझे अपने देशवासियों, मेरे गांव और परिवार के सदस्यों से जो प्यार मिला उससे मुझे इस झटके से उबरने में मदद मिलेगी। मैं वापस कुश्ती में लौट सकती हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ओलंपिक पदक से चूकना मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा झटका है। मैं नहीं जानती कि मुझे इससे उबरने में कितना समय लगेगा। मैं नहीं जानती कि मैं कुश्ती में वापसी करूंगी या नहीं लेकिन आज मुझे जो साहस मिला है उसका मैं सही दिशा में इस्तेमाल करना चाहती हूं।’’’

विनेश ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह इस तरह के सम्मान की हकदार हैं या नहीं। उन्होंने कहा,‘‘मैं भाग्यशाली हूं जो मेरा जन्म इस गांव में हुआ। मैं हमेशा महिलाओं और गांव के सम्मान के लिए लड़ती रहूंगी।’’ विश्व चैंपियनशिप में दो बार की पदक विजेता ने उम्मीद जताई कि गांव का कोई खिलाड़ी उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा,‘‘मैं तहेदिल से चाहती हूं कि गांव का कोई व्यक्ति मेरी विरासत को आगे ले जाए और मेरे रिकॉर्ड तोड़ दे। अगर मैं अपने गांव की महिला पहलवानों को बढ़ावा दे सकती हूं, तो यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।’’

विनेश ने कहा,,‘‘अगर इस गांव से कोई पहलवान नहीं निकलता है तो यह निराशाजनक होगा। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि गांव की महिलाओं का समर्थन करें। अगर उन्हें हमारी जगह लेनी है तो उन्हें आपके सहयोग और समर्थन की जरूरत पड़ेगी।’’

विनेश ने अयोग्य ठहराए जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। विनेश ने हालांकि अपने ताऊ महावीर फोगाट का जिक्र नहीं किया, जिससे उनकी चचेरी बहनें गीता और बबीता नाराज हो गईं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में अपनी निराशा व्यक्त की।

गीता ने एक्स पर लिखा,‘‘कर्मों का फल सीधा सा है। 'छल का फल छल ' आज नहीं तो कल।’’ गीता के पति पवन सरोहा भी पहलवान हैं, उन्होंने विनेश को महावीर के बारे में याद दिलाया।

सरोहा ने लिखा, ‘‘विनेश आपने बहुत ही बढ़िया लिखा है लेकिन शायद आज आप अपने ताऊ जी महावीर फोगाट को भूल गए हैं, जिन्होनें आपके कुश्ती जीवन को शुरू किया था। भगवान आपको सदबुद्धि दे।’’ बबीता ने लिखा,‘‘हर वो कामयाबी हार है। जिसका मकसद सिर्फ हर किसी को नीचा दिखाना है।’’

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Updated 14:03 IST, August 18th 2024

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