Published 17:39 IST, October 21st 2024
बजरंग-विनेश और साक्षी मलिक में दरार! ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान ने जीजा-साली पर साधा निशाना, बवाल तय!
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों में सबसे आगे रहीं साक्षी मलिक ने अपने साथियों विनेश और बजरंग पर निशाना साधा है।
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Sakshi Malik Targets Vinesh Phogat and Bajrang Punia : भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट ( Vinesh Phogat ) और बजरंग पूनिया ( Bajrang Punia ) साक्षी मलिक (Sakshi Malik) के अच्छे दोस्त हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से, खासकर जब से विनेश (Vinesh) और बजरंग (Bajrang) कुश्ती (Wrestling) छोड़ राजनीति में गए हैं, तब से साक्षी (Sakshi) का विनेश (Vinesh) और बजरंग (Bajrang) के साथ रिश्ता कुछ अच्छा नहीं रहा है।
यहां तक कि मीडिया रिपोर्ट्स में तो साक्षी मलिक की बजरंग और विनेश के साथ दरार की खबरें सामने आ चुकी हैं। इस बीच ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने विनेश और बजरंग पर ऐसा बयान दिया है, जिससे बवाल मचना तय है।
विनेश-बजरंग पर क्या बोलीं साक्षी?
पूर्व भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने विनेश और बजरंग पर निशाना साधा है। साक्षी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पिछले साल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई, क्योंकि इससे ये अभियान स्वार्थी दिखने लगा।
साक्षी ने अपनी किताब में काफी कुछ लिखा
साक्षी इस विरोध प्रदर्शन के तीन मुख्य पहलवानों में से एक थीं, उन्होंने हाल में रिलीज हुई अपनी किताब ‘विटनेस’ में इसके अलावा अपने करियर के संघर्षों के बारे में भी लिखा है। उन्होंने लिखा कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ खोला था मोर्चा
बता दें कि इन तीनों पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख शरण सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है। WFI के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया, जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी, लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा न करने का फैसला किया।
नामों का खुलासा नहीं किया
अंत में साक्षी हिस्सा नहीं ले सकीं, लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग पदक जीतने में असफल रहे। साक्षी की आत्मकथा के जोनाथन सेल्वाराज सह लेखक हैं। इसमें साक्षी ने हालांकि उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया जिन्होंने बजरंग और विनेश को प्रभावित किया।
साक्षी ने कह दिया स्वार्थी
साक्षी ने अपनी किताब में लिखा-
पहले की तरह स्वार्थी सोच फिर से हावी होने लगी। बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू कर दिया। वो खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट लेने की बात करने लगे। बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने का अच्छा असर नहीं पड़ा। इससे हमारे विरोध प्रदर्शन की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए, जिसमें कई समर्थकों ने ये सोचना शुरू कर दिया कि हम अपने स्वार्थ के लिए ये विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस में शामिल हुए विनेश-बजरंग
रिश्ते में जीजा-साली विनेश और बजरंग दोनों इस महीने के शुरू में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। विनेश जुलाना विधानसभा से जीत गईं, जबकि बजरंग पार्टी की राष्ट्रीय किसान इकाई के प्रमुख बने।
परिवार से छुपाई ये बात
साक्षी ने किताब में बताया कि बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक से छेड़छाड़ के बारे में वो अपने परिवार को नहीं बता सकीं थीं, क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनकी गलती थी। उन्होंने लिखा-
मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी, क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला शिक्षक मुझे प्रताड़ित करता। वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी।
किताब में साक्षी ने अपने करियर के शुरूआती संघर्षों के अलावा पूर्व पहलवान बबीता फोगाट पर अपने स्वार्थ के लिए विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाने का आरोप भी लगाया।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 17:39 IST, October 21st 2024